घी-बादाम के प्रयोग से याददाश्त हो जाएगी तीन-गुना : वैद्य कौशल

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चंडीगढ़:30 जनवरी:– आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:—
■ अच्छा व नियमित खान-पान न होना भी याददाश्त कमजोर होने का बड़ा कारण है। इसीलिए लोग ठंड में घी और बादाम का सेवन करते हैं।
■ लेकिन अगर घी व बादाम का सेवन आयुर्वेदिक तरीके से किया जाए तो किसी की भी याददाश्त तीन गुना बढ़ सकती है।
*कैसे बनाएं बादाम घृत*
■ बादाम का छिलका रहित गिरी और नारियल की गिरी 50-50 ग्राम
■ खसखस व मगज 70-70 ग्राम,
■ खरबूजे की गिरी 5 ग्राम,
■ चिरौंजी 5 ग्राम और
■ पिस्ता 5 ग्राम
इन सबको कूट पीसकर रखें।
फिर 400 ग्राम घी लालिमायुक्त होने तक गर्म करें और उक्त मिश्रण को डाल दें।
जब घी का रंग बदलने लगे तब नीचे उतारकर छानकर सुरक्षित रखें।
इस प्रकार तैयार इस घृत बादाम की चम्मच मात्रा को दूध में मिलाकर सेवन करें।

मस्तिष्क और तलुवों पर इस घी की मालिश भी उपयोगी है।

इस घी के उपरोक्त प्रकार सेवन से दिमाग की निर्बलता, शुष्कता, आंखो की ज्योति बढ़ती है व मानसिक कार्य करने वालों के लिए बादाम घृत बहुत अधिक लाभदायक है।

*घी को छानने के बाद शेष पदार्थ को आटे में भूनकर मिलाकर और थोड़ी चीनी डालकर पंजीरी बनाकर सुबह नाश्ते के रुप में सेवन करें। बहुत उत्तम रहेगा।साभार नेचुरोपैथ कौशल।।

 

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