चंडीगढ़/नई दिल्ली:– 22 जनवरी:— आरके विक्रमा शर्मा/रेखा भालेराव:— वह मुल्क वह कौन कभी तरक्की नहीं कर सकती जो अपने देश से मोहब्बत नहीं करती है हिंदू धर्म के आदि अनादि काल के धर्म ग्रंथ शास्त्र भी यही बयान करते हैं कि राष्ट्र भूमि और राष्ट्रीयता और राष्ट्र से जुड़ी हर उपलब्धि पहचान ही हर नागरिक की पहचान है उसका गौरव और स्वाभिमान भी है जो नागरिक अपने इतिहास को ही नहीं जानते हैं वह कभी भी दुनिया में सिर उठाकर चल ही नहीं सकते हैं और उन्हें हर तरफ से लानत ही मिलती है देश की आजादी के बाद स्वतंत्र नागरिकों को आज तक इस गौरवमई देश का गौरव मई इतिहास जानने जांचन पढ़ने और समझने से वंचित रखा गया है लेकिन आज समय आ गया है कि हमें अपने इतिहास को समझना है पढ़ना है और इस पर गौरव करते हुए स्वाभिमान से जीना है यही सब कर्तव्य और दृढ़ निश्चय चाहे वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी जी के हो या फिर उत्तर प्रदेश के समर्पित देशभक्त और धर्म रक्षक प्रजा पालक आदित्यनाथ योगी के ही क्यों ना हो हमें उन पर गर्व है। जो हमारे इतिहास, हमारे धर्म पराकाष्ठा का ध्वज पूरे विश्व में फहरा रहे हैं। इसी कड़ी में नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्र भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले पहले सरदार बल्लभ भाई पटेल की सर्वोच्च प्रतिमा और अब इण्डिया गेट पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का अनावरण और देश को समर्पित भी की हैं।ये दोनों वे चेहरे हैं, गांधी-नेहरू परिवार जिनका सतत विरोधी रहा। और यही स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है और इसके नागरिकों का तो इस दुर्भाग्य और इस परंपरा ने इस देशद्रोही बने राष्ट्रीयता का बेड़ा गर्क किया है। लेकिन अब यह और आगे भविष्य में ना तो बर्दाश्त किया जाएगा। ना ही इसके बीज को अंकुरित होने दिया जाएगा। यह भारत वासियों की बुलंद आवाज का आगाज है।
जैसे देश की आजादी के बाद चंद राष्ट्र भक्तों को छोड़कर पूरा देश सरदार वल्लभभई पटेल जी की दूरदर्शिता और देश भक्ति की गहराई को नहीं समझ पाया था ठीक यही उदाहरण अक्षरत आज हमारे सामने उपस्थित है। मोदी जी का राजनैतिक कौशल समझने का ढोंग तो किया जा सकता है। पर उसे समझ पाना सबके लिए सरल नहीं है। मोदी जी ही क्यों इसी क्रम में अगले पायदान पर इतना ही सशक्त व्यक्तित्व आदित्य नाथ योगी देश की अथक सेवा में संघर्षरत और कार्यरत है।।
भारत माता के कर्मठ दृढ़ निश्चय और मानवता प्रेमी नरेंद्र मोदी जी और आदित्य नाथ योगी जी ने ठान लिया है कि झूठे और बनावटी व मुग़लिया इतिहास को दफनाकर हिन्दू, हिंदी और हिन्दुस्तान की नई गाथा लिखेंगे।। और हिंदुस्तान का हिंदुओं का और हिंदी का पूर्व व्रत रहा गरिमामई इतिहास यथावत स्थापित किया जाएगा। इसी क्रम में भारत देश में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का निर्माण इस दिशा में सही समय पर सही संकल्प का द्योतक है।।।।।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳।