चंडीगढ़/नयी दिल्ली/जयपुर/गाजियाबाद:–22 जनवरी आर के विक्रमा शर्मा /अनिल शारदा+एडवोकेट विनीता शर्मा:— उत्तरी भारत में एक बार फिर कड़ाके की सर्दी वर्षा और ठिठुरन का दौर पुरयौवन पर है। पारा लगातार बरसात के कारण औंधे मुंह गिरा पड़ा है। हवा में नमी और ठंडक की मात्रा दिल दहलाने वाली है। लोग चाह कर भी घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उनकी दिनचर्या भी पूरी तरह प्रभावित हो रही है। सड़कें सुनसान हैं। सार्वजनिक स्थल, मार्केटो में भीड़ नाम की कोई चीज ही नहीं है। लेकिन प्रशासन पुलिस और हेल्थ डिपार्टमेंट को यह देखकर बहुत राहत मिल रही है कि इन जगहों पर भी जो अक्सर भीड़ बनी रहती थी। मौसम की प्रकोपों के कारण नदारद है। और कोरोना के मकड़जाल से सभी अछूते रहें। यही सभी की कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी और जवाबदेही भी है।
दिल्ली में भी लगातार बरसात और दो दिवसीय वीकेंड के कर्फ्यू के समाचार हैं। कुरुक्षेत्र में, अंबाला में लगातार बरसात हो रही है। चंडीगढ़ में भी मौसम पूरी तरह ठिठुरन की चपेट में है। हालांकि बरसात पूरी तेजी से तो नहीं है। लेकिन हल्के हल्के पड़ने के कारण मौसम में नमी और प्रचंड कड़ाके की ठंड बढ़ने से सभी सकते में हैं।
कुरुक्षेत्र से पंडित आर के शर्मा जी के मुताबिक पिछले हफ्ते से यहां इंद्र देवता यदा-कदा खूब मुस्कुरा रहे हैं। ठंड और बारिश कोहरे धुंध से जनजीवन में मुश्किलातों की आमद बढ़ चुकी है। जनजीवन प्रभावित है। लोग घरों में दुबके हैं। यहां तक कि भगवान जी के दर्शनों को आने वाली देसी परदेसी भीड़ भी काफी हद तक थम चुकी है। मंदिरों में सिवाय पुजारियों के बिरला ही कोई व्यक्ति कड़ाके की सर्दी में भगवान के दर्शन करने की अभिलाषा की ज्योति जलाए हुए है। ब्रह्मसरोवर आदि बेरौनक हैं। भद्रकाली कूप, ज्योतिसर, श्रीगीता धाम, पनोरमा कृष्ण संग्रहालय सभी भीड़ से इस वक्त बहुत दूर हैं।
दिल्ली रोहिणी से रेखा भाले राव के मुताबिक प्रसाद लगातार बरसात जारी रहने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है लोग घरों में दुबके हैं। और आज शनिवार और कल इतवार का कर्फ्यू रहेगा। तो यह लोगों के लिए राहत की बात है कि 2 दिनों के कर्फ्यू में कड़ाके की सर्दी के दौर में सभी को घरों में बैठने की पूर्णतया फुर्सत मिलेगी। सड़कों पर भी यातायात काफी कम हुआ है। स्कूलों में वैसे ही ओमिक्रोन के चलते बच्चों को और अध्यापन मंडल को छुट्टियां हैं। इससे प्रशासन और नई दिल्ली सरकार को राहत की सांस मिली है।
जयपुर से एडवोकेट विनीता शर्मा की रिपोर्ट मुताबिक वहां भी ठंड का प्रकोप प्रचंड है। शिशिर ऋतु में इस मर्तबा ठिठुरन का अपना रिकॉर्ड टूट रहा है लोग घरों में कैद होने को विवश हो चुके हैं सड़कों पर आवागमन थम चुका है हाड मास कंप कपाती सर्दी अपने शिखर पर है सामान्य जनजीवन भी मानव थम सा चुका है।
गाजियाबाद से दिलीप शुक्ला की रिपोर्ट मुताबिक शरद ऋतु अपना रौद्र रूप दिखा रही है। लोगों को रजाईयां व कम्बलों में दूबकने पर विवश कर दिया है। गली मोहल्ले शहर बाजार मुख्य सड़कें नेशनल हाईवे आदि पर यायायात की मानो जैसे ब्रेक ही लग चुकी है। सभी और वीरानी सी छाई हुई है। दिनभर चहचाहने वाले पंछियों को तो मानो ठंड ने जमा ही दिया है। मवेशियों का भी इस कंपकंपाती सर्दी में बुरा हाल है। छोटे-मोटे काम धंधा करने वाले लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। और राहत की बात यह है कि स्कूलों आदि में ओमीक्रोन के प्रकोप के चलते मेन गेट पूरी तरह बंद होने से राहत की सांस बनी हुई है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सहित पुलिस प्रशासन ओमी क्रोन सहित कड़ाके की सर्दी के प्रकोप पर भी नजर रखे हुए हैं।