शहर की 5 मार्केटों के साथ ही सौतेला व्यवहार क्यों:– कैलाश जैन

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चंडीगढ़:- 21 जनवरी: आर के विक्रमा शर्मा/ अनिल शारदा+ करण शर्मा:-– शहर भर में कोरोनावायरस केसों में बढ़ोतरी दिल दहलाने वाली है। इस सत्र में अनेकों लोग मौत का ग्रास बन चुके हैं। प्रशासन और कंसर्न्ड  हेल्थ डिपार्टमेंट पूरी मुस्तैदी से लोगों को समझाने का इससे बचाने का हर संभव प्रयत्न कर रहे हैं। लेकिन नाकामी ज्यादा हाथ लग रही है। मार्केटो में अंधाधुंध भीड़ इसके जल्दी ही नये विस्फोट की ओर इशारा करती है। मार्केट में समय निर्धारित किया गया है। लेकिन यह समय निर्धारण सिर्फ शहर की 5 मार्केट पर ही जो बिल्कुल छोटे मार्केट है, उन पर लागू किया गया है। यह भी सरासर  नाइंसाफी है।  दुकानदार और उनके नेतृत्व करने वाले कैलाश जैन पिछली लहर बार की तरह इस बार भी इन दुकानदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जद्दोजहद को जारी रखे हुए हैं। और पुरजोर मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी बाकी दुकानदारों की ही तरह दुकान सुबह से लेकर रात जब तक बड़े शोरूम खुले हैं। तब तक व्यापार करने की इजाजत दी जाए।

हर की पांच छोटी मार्केटो में दुकानें बंद करने के समय में बढ़ोतरी न किए जाने से इन दुकानदारों में निराशा है और इसके प्रति खेद व्यक्त किया है। इस मामले पर उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें युवीएम के नरेश कुमार जैन, अशोक कपिला, सुशील कुमार, विजय चौधरी के अलावा पटेल मार्केट सेक्टर 15 के प्रधान संजीव कुमार, पालिका मार्केट सेक्टर 19 के प्रधान नरेश जैन , सदर बाजार सेक्टर 19 के प्रधान नरेंद्र सिंह रिंकू , सेक्टर 41 कृष्णा मार्केट के प्रधान काका सिंह सहित बड़ी संख्या में दुकानदारों ने हिस्सा लिया।

बैठक के बाद उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन फैसले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इन छोटे व्यापारियों की भावनाओं को देखते हुए प्रशासन दुकानें बंद करने के समय में बढ़ोतरी करके कम से कम 7:00 तक अवश्य कर देगा । इस बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने भी प्रशासके व सलाहकार से बात करने के बाद आश्वासन दिया था कि दुकानों के बन्द करने के समय मे बढ़ोतरी की जाएगी। लगता है कि वार रूम की बैठक में इस मामले पर चर्चा नहीं की गई और गंभीरता से विचार नहीं किया गया तथा छोटे दुकानदारों की हितों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस मामले पर एक बार फिर से पुनर्विचार कर के इन छोटी मार्केटो की दुकानों के बंद करने का समय कम से कम 7:00 बजे तक किया जाए ।

इस अवसर पर नरेश कुमार जैन ने कहा कि 5:00 बजे दुकाने बंद करने से इन दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा तथा भूखे मरने की नौबत आ जाएगी । जब पूरे शहर की बाकी सभी मार्केटे रात 10:00 बजे तक खुलती है तो केवल इन 5 मार्केटो को 5:00 बजे बंद करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता। उन्होंने सवाल किया कि क्या केवल इन 5 मार्केट में ही करोना आता है बाकी शहर में नहीं । यहां तक की रेहड़ी फ़डी मार्केते भी रात के 10:00 बजे तक खुली रहती है तो फिर केवल 5 मार्केटो के दुकानदारों के साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है ।

इन सभी दुकानदारों ने प्रशासन से पुनः अनुरोध किया है कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करके हम छोटे गरीब दुकानदारों की रोजी रोटी का भी ख्याल रखते हुए हमे भी कम से कम 7:00 बजे तक दुकान खोलने की इजाजत दी जाए।।

अल्फा न्यूज़ इंडिया टीम ने जब सेक्टर 22बी की मेन शोरूम मार्केट में दौरा किया। तो वहां भी दुकानदारों में और खरीदारों में भारी रोष परेशानी खिन्नता देखी गई। खरीदारों का कहना था कि उन्हें दफ्तर से 5:00 बजे छुट्टी होती है। कुछ जरूरी सामान अगर खरीदना भी हो, तो यहां पहुंचते ही मार्केट बंद मिलती है। यहां सेकंड हैंड मोबाइल बेचने वाले एक दुकानदार सोनू गुप्ता ने बताया कि उनके पास इस वक्त 5 ग्राहक सेट खरीदने के लिए खड़े हैं। लेकिन समय सारणी को ध्यान में रखते हुए मजबूरन उन्हें भारी निराशा के साथ दुकान बंद करनी पड़ रही है! अगर हमें भी दो 4 घंटे की और मोहलत मिल जाए। तो हम सब का कारोबार अच्छा रहेगा। और रोजी रोटी कमाने के साथ दुकान का भारी किराया भी निकालने में आसानी रहेगी। उसके बाद स्थानीय शास्त्री मार्केट के सामने लगाई गई अस्थाई मार्केट में भी यही रोष व क्षोभ दुकानदारों और खरीदारों में पाया गया। दुकानें बंद की जा रही थीं। और खरीदार दुकानदारों के मुंह ताक रहे थे। ठीक वैसे ही जैसे दुकानदार भी बेबसी में खरीदारों का मुंह ताकते रहे थे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इन दुकानदारों को अपना व्यवसाय करने से प्रशासन किस तर्ज पर रोक रहा है??? और उसका क्या समुचित लाभ होगा??? क्या वायरस बड़ी मार्केट में नहीं आता है???? बुडैल गांव में अंदर और बाहर सटी मार्केट सहित सेक्टर 41 की छोटी मार्केट और सेक्टर 15 स्थित रेहड़ी फड़ी वालों को अस्थाई तौर पर आवंटित मार्केट में यही दयनीय दशा और खरीदारों सहित दुकानदारों में बेबसी का आलम देखा नहीं जाता है। प्रशासन की इस मनमर्जी के आगे इन मार्केटों के दुकानदार ही नहीं बल्कि शहर के खरीदार भी एक दूसरे का मुंह ताकने के सिवा और कुछ कर भी क्या सकते हैं?? प्रशासन को इस ओर उचित कदम उठाते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।!!

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