चंडीगढ़:-18 जनवरी:- आरके विक्रमा शर्मा:- करण शर्मा+ अनिल शारदा:—- जैसे-जैसे सर्दियों के प्रचंड प्रकोप का आगमन बढ़ रहा है। चोरियों, छेड़खानी, लूटपाट हिंसा नशाखोरी आदि की वारदातों में अप्रत्याशित रूप से इजाफा होना शुरू हो जाता है। ऐसे में प्रशासन और पुलिस और नगर निगम व्यापक प्रबंध करते हैं। कि कोई भी कोना किसी भी सेक्टर का अंधेरे में डूबा ना रहे। पुलिस की मुस्तैदी हर पुलिस चौकी के क्षेत्र में हर जगह सुनिश्चित की जाती है। लेकिन वहां यह सारे प्रबंध भी क्या करें। जहां सेक्टर के कई भागों में कई मोहल्लों में अंधेरा पसरा रहता है। ऐसा ही एक मोहल्ला 22डी में है। जो कि बिल्कुल शास्त्री मार्केट की पार्किंग से सटा हुआ है। यहां अधिकतर अंधेरा पसरा रहता है नशेड़ी लोग चोर उचक्के यहां अक्सर यहां के निवासियों के वाहनों से छेड़खानी करते कैमरों में कैद भी हुए हैं। लेकिन उन पर पुलिस कार्रवाई क्या हुई है। यह कोई भी बताने से गुरेज ही बरतता है। 3948 मकान नंबर से लेकर 3998 अंतिम मकान तक अंधेरा होने से यहां हर समय छेड़खानी, चोरी, लूटपाट व सेंधमारी, नशाखोरी आदि होने का सुबह बना रहता है। ऐसा भी नहीं है कि बिजली डिपार्टमेंट कुंभकर्णी नींद सोया रहता है। बिल्कुल भी नहीं!! बिजली डिपार्टमेंट को जैसे ही बिजली गुल होने की शिकायत की जाती है। तुरंत कर्मचारी आकर मरम्मत दुरुस्त करते हैं। और अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाते हैं। लेकिन फिर भी कई दर्जनों मकानों की इस गली में अंधेरा क्यों है। इसका जवाब खुद अंधेरे से बाहर आने को छटपटा रहा है। इस गली के छोर पर मकान नंबर 3975-76 के प्रवेश द्वार पर मोहल्ले वालों की सारी गंदगी का ढ़ेर लगा अक्सर देखा जाता है। जो कि यहां रहने वाले लोगों के लिए परेशानी बदबू आदि का बड़ा कारण कारण बना हुआ है। हालांकि नगर निगम हर महीने बिजली और पानी के बिल में ₹200 चार्जेज वसूल पाता है। लेकिन उपभोक्ता सर्विस के नाम पर इन लोगों को ठेंगा ही नसीब होता है। उपभोक्ता अधिकार अधिनियम का दम घुटता खुलेआम देखा जा सकता है। ज्ञात हो कि पूर्व मेयर रविकांत शर्मा इसी सेक्टर वार्ड से था। जो हाल ही में सम्पन्न हुए नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी के युवा और महज ढाबा मालिक से बुरी तरह शिकस्त खा गया। वार्ड में किये गये मेयर द्वारा विकास कार्यों ने उनकी हार सुनिश्चित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। 10:00 बजे के बाद स्थानीय पुलिस चौकी की गश्त करती जिप्सी को मोहल्ले के अंदर भी और शास्त्री मार्केट की पार्किंग सहित पार्क में पैदल गस्त भी करनी चाहिए। इससे अपराधिक मामलों में इजाफा नहीं होगा। और पुलिस की परेशानियां भी नहीं बढ़ेंगी। मूनलाइट पार्क में अक्सर पसरे अंधेरे में नशेड़ी लोग दारू बाजी, गाली गलौज आपस में मारपीट करते हुए आसपास रहने वाले संभ्रांत परिवारों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। हालांकि पुलिस ने कई बार राउंड लगाकर ऐसे लोगों को खदेड़ा भी है। परिणाम ढाक के तीन पात।। चंडीगढ़ प्रशासन के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा शहर भर में दर्जनों रैन बसेरा स्थापित किए गए हैं जो कि हर मर्तबा सर्दियों के दिनों में बाहर से आने वाले यात्रियों और स्थानीय भिखारियों और रात काटने वाले मुसाफिरों के लिए नायाब और महज सस्ती सुविधा है सेक्टर 22सी में स्थानीय सिविल अस्पताल के बाहर भी रेन बसेरा स्थापित किया गया है। लेकिन हैरत की बात है कि इसके बावजूद भी मूनलाइट पार्क में भिखारी टाइप कुछ लोग लोहे के टीन शैडों के नीचे धरती पर लेटकर रात बिताने के लिए मजबूर हैं। कड़ाके की सर्दी में जब घरों से बाहर निकलना तक असंभव है। तो ऐसे में यह मजबूरन कैसे कड़ाके की सर्दी में रात काटते होंगे। यह सोचने पर विवश होना पड़ता है। रेन बसेरों की सोशल मीडिया द्वारा भरपूर पब्लिसिटी होनी चाहिए। ताकि जरूरतमंदों को इस सुविधा का भरपूर लाभ मिल सके।
स्थानीय गवर्नमेंट क्वार्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुरजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि रविवार की दोपहर को मकान नंबर 3991 के अंदर से चोर दिनदहाड़े नई साइकिल ले उड़ा।। खबर लिखे जाने तक पुलिस को इत्तला दी गई या नहीं। यह भी संशय बना हुआ है। हैरत की बात तो यह है कि तमाम मोहल्ले वालों की ओर से प्रतिमाह 300-300 ₹ एकत्रित किए जाते हैं। और चौकीदार की दिन में व्यवस्था रहती है। और रात भर कैमरों की निगरानी में पूरा मोहल्ला होता है। और रात को चौकीदार भी आकर लोगों को सजग सचेत करते हुए डंडा बजाता रहता है।