चंडीगढ़:- 14 जनवरी:-आर के विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा:—देशभर में भगवान सूर्य के उत्तरायण होने पर मकर राशि में प्रवेश करने का महापर्व मकर सक्रांति खूब हर्षोल्लास धार्मिक भावनाओं आस्थाओं व श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है!! परमपिता परमेश्वर की अनुकंपा से सौभाग्यशाली लोग तीर्थ स्थानों पर जाकर आज पुण्य स्नान कर रहे हैं। गंगा जमुना सरस्वती संगम पर भव्य स्नान का पुण्य लाभ ले रहे हैं। और जहां कहीं भी भगवान की मनोहर अनुकंपा से जल स्रोत विद्यमान हैं। वहां लोग आज मकर संक्रांति के पुण्य अवसर पर पुण्य फल देने वाला स्नान कर रहे हैं। और यहीं पर भक्ति, आराधना और पितृ तर्पण आदि के साथ-साथ दान करके जीवन को मोक्ष के सम्मत प्रफुल्लित कर रहे हैं। भारतवर्ष में मकर सक्रांति का एक अपना विशेष और पुरातन महत्त्व है। आज महज गंगाजल,गाय का शुद्ध दूध या पंचद्रवय आदि का एक बूंद ही शरीर पर छिड़कने से मोक्ष की प्राप्ति का रास्ता खुल जाता है। यह भारतीय हिंदू धर्म शास्त्र कहते हैं। यह बात पंडित रामकृष्ण शर्मा ने कुरुक्षेत्र स्थित श्री गीता धाम में अपने पड़व-सत्र के दौरान मकर सक्रांति के उपलक्ष्य में अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से व्यक्त की है। आज के दिन उड़द की दाल और चावल की खिचड़ी का विशेष महत्व है। दान करके पुण्य अर्जित करें। गरीबों को खिचड़ी का भोजन कराएं। और यथा शक्ति उन्हें दक्षिणा भी दें। घर में भी खिचड़ी का ही आज भगवान को भोग लगाने के बाद भोजन करना चाहिए। और कुटुंब के अलावा दूसरों को यह खिचड़ी का भोजन करवाने के बाद जरूर दक्षिणा आदि का दान करें।
चंडीगढ़ में यह त्यौहार नाना प्रकार से आयोजित किया जा रहा है। क्योंकि देश के अलग-अलग भागों के लोग यहां पर मिलजुल कर रहते हैं। और सभी मिलजुल कर मकर सक्रांति का पर्व आपसी भाईचारा रखते हुए मना रहे हैं। हिमाचल महासभा चंडीगढ़ के प्रधान भाई पृथ्वी सिंह और महासचिव पंडित भागीरथ शर्मा ने सभी को आज मकर सक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए सभी के मांगलिक भविष्य की कामना की है।