चंडीगढ़:08 जनवरी:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—
किसी भी रोग का प्रथमोपचार है उस कारण का निवारण! जिसके कारण रोग पैदा हुआ है! तो योनि की खुजली के उपचार में भी पहले तो आप सफाई पर विशेष ध्यान दें! और उसके अलावा आपका अगर पेट साफ नहीं रहता है! तो पहले पेट साफ रखना जरूरी है।
*कुदरती उपचार-*
(1)- नीम की निबोली का रस निकाल कर उसको योनि की दीवारों पर धीरे-2 उंगलियों से मलें।
अगर ताजा निबोली न मिल सकें तो सूखी निबोली का चूर्ण बनाकर पानी में मिलाकर निचोड़ कर भी प्रयोग कर सकते है लेकिन सबसे अच्छा यह रहेगा कि आप नीम का तेल लेकर उसे लगा लें यह हर समय उपलब्ध रहेगा औऱ आसानी से मिल भी सकेगा।
(2)- घर में ताजा दही जमा कर उस दही को योनि में तथा आसपास लगाने से इस रोग में आशातीत लाभ मिलता है।
(3)- गाय का धारोष्ण दूध एक अच्छा बैक्टीरिया नाशक है।
ताजा दूध लेकर योनि को धोएं इससे खुजली के कीटाणु नष्ट होंगे तथा रोग ठीक हो जाएगा।
(4)- हरड़, बहैड़ा, आँवला, नीम व जमालगोटा की जड़ सब चीजें 100-100 ग्राम ले कर जौं जैसा कूट कर किसी डिब्बे में रख लें तथा प्रतिदिन 1 चम्मच, रात को 1 गिलास पानी में डाल दें। सुबह रात के पानी सहित को चूल्हे पर रख कर उबालें, जब इसका काढ़ा 1 कप बन जाए तो छान लें। इस छने हुए पानी से प्रतिदिन इसी प्रकार वनाकर साफ रुई से या साफ कपड़े से योनि को धोएं।
● लेकिन ध्यान रहे, धोकर साफ पानी से धोए बिना ही आप 1-2 घण्टा के लिए लेटी रहें। लाभ तभी होगा।
● इस प्रयोग को रात को सोते समय भी कर सकते है किन्तु ध्यान रहे एसी स्थिति में चूर्ण भीगने के लिए तब सुबह को ही डालें और इसके बाद ऱात को धातक्यादि तैल का फाहा योनि में रखकर सो जाने से बहुत ही जल्दी फायदा होगा।साभार नेचुरोपैथ कौशल ।।।