जैसलमेर में सोलो बाइक राइडर चंडीगढ़ प्राईड नीरू प्रदीप सैनी का भव्य स्वागत

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चंडीगढ़/जैसलमेर:- 26 दिसंबर:–अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क+ चंद्रभान सोलंकी:—— अपनी महज़ 28 साल की उम्र में अपने पति को ब्लड कैंसर से खोने के बाद आगे कोई रास्ता ना दिखने के बावजूद भी 52 साल की ढलती उम्र में अकेले भारत के अंदर बाइक राइड करने वाली  आज चंडीगढ़ से जैसलमेर पहुंचने वाली नीरू प्रदीप सैनी का भव्य और गर्मजोशी से स्वागत किया गया इस मौके पर नीरू प्रदीप सैनी ने अपने विचार और अनुभव अल्फा न्यूज़ इंडिया के पत्रकार से सांझा करते हुए बताया कि इस मानस जीवन के क्या मूल्य हैं। और महिलाओं को बच्चियों को सशक्त होना क्यों जरूरी है। महिलाओं को अपने सशक्तिकरण की ओर विशेष ध्यान देना होगा। और अपने आप को दुर्गा और काली शक्ति तुल्य परिभाषित और साबित करना होगा।।

अपने पति को खोने के बाद सबसे पहले जो उनके सामने सबसे जटिल बड़ी समस्या यह थी कि उनके बच्चों की परवरिश कैसे होगी। जब उनके अपने हाथ में कोई काम नहीं था। और अचानक ही घर में इकलौते कमाने वाले व गृह स्वामी का इस जहां से विदा हो जाना ही अपने और परिवार के जीवन यापन के लिए बड़ी जटिल चुनौती था।

लेकिन नीरू ने अपने जीवन के इस विषम और विकट इस चैलेंज को एक्सेप्ट किया। और शुरुआती दौर में स्कूल के विद्यार्थियों की ट्यूशन लेने के साथ-साथ  प्राइवेट स्कूल में जॉब की। और उसके बाद उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट जॉब की। और आज वह कामयाब विज्ञान अध्यापिका है। और इसके साथ-साथ 45 वर्ष की उम्र तक वह लगातार स्कूल में अध्यापन कार्य करती रहीं।

अपनी वार्तालाप को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया कि अकेले  45 साल की उम्र तक उन्होंने अपने बच्चों की बखूबी परवरिश की। और अपनी इच्छाओं को ना जताते हुए अपने बच्चों के परवरिश में और उनकी पढ़ाई में पूरा समय दिया। तब उन्हें यह लगने लगा कि क्यों ना अब मुझे अपनी जिंदगी जीनी चाहिए। तो सबसे पहले उन्होंने अपना रनिंग के साथ-साथ साइकिलिंग और अब पिछले एक साल से वह सोलो बाइक राइडिंग करती नजर आती हैं।

नीरू जैसी जांबाज महिलाएं आज भारत में कहीं ना कहीं लोगों के लिए एक उदाहरण बनकर नारी समाज के साथ-साथ पुरुष समाज को भी प्रेरित करती हैं कि निर्धारित किए गए किसी भी लक्ष्य के आगे उम्र का कभी कोई बंधन नहीं बनना चाहिए। और उम्र की सीमा तय करने के लिए आपको किसी से सलाह लेने की जरूरत नहीं है। आत्मबल आत्मकेंद्रित होने से स्वयं सिद्ध हो जाता है। जिस उम्र में आप अपना मन और समय अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लगा सकें। वही, उम्र आपके लिए सबसे बेहतर सहज और सरल स्वाभाविक होती है।

अपनी बाइक राइडिंग के दौरान नीरू देश के कई गांवों में भी जाती हैं। जिस दौरान उन्होंने बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। क्योंकि वह एक शिक्षिका हैं। इस नाते ही उन्होंने वहां पर अपने सलाह मशवरे के साथ-साथ अपने लंबे और अथक अनुभव को भी इस्तेमाल किया।। और बच्चियों को  शिक्षा ग्रहण करने के लिए कैसे जागरूक किया जाए। बच्चियों को कैसे सशक्त बनाया जाए। इसके बारे में वह लगातार बात करती हुई नजर आती हैं। और अपने छोटे-छोटे अनुभवों को सांझा करती हैं उदाहरण देकर व्याख्या करती हैं तो बच्चियों में नया उत्साह और प्रेरक बिंदु मुखर होना स्वभाविक हैं। जैसलमेर पहुंचने के बाद नीरू प्रदीप सैनी ने  जैसलमेर में अल्फा न्यूज इंडिया के मंझे हुए पत्रकार चंद्रभान सोलंकी के साथ यात्रा के संस्मरण और अनुभव लाखों पाठकों और युवा समाज के लिए  सांझा किए।

इस अवसर पर समाज और नारी शक्ति के उत्थान की मशाल थामे हुए नीरू प्रदीप सैनी ने एकत्रित जनसमूह और विशेषकर नारीशक्ति को संबोधित करते हुए हमेशा जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। और जैसलमेर को वीरों की, मेहनतकश लोगों सहित ईमानदार लोगों की धरती कहकर प्रणाम किया।।

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