जीना उसी का नाम, जो आए किसी दूसरे के काम:- राजीव शर्मा

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चंडीगढ़: 19 दिसंबर:- आर के विक्रमा शर्मा /करण शर्मा+ अनिल शारदा:— जीना इसी का नाम, जो आ रहा किसी दूसरे के काम!! जी हां, इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए नगर निगम के सरकारी कर्मचारी और सेक्टर 23 बी के निवासी राजीव शर्मा अपनी खुशियों में हमेशा गरीब असहाय असमर्थ बच्चों को शरीक करते हैं। उनका कहना है कि उनकी माता जानी मानी सीनियर जर्नलिस्ट कमला शर्मा और पिता स्वर्गीय तरसेम शर्मा (नगर निगम से ही सेवानिवृत्त) से उन्हें यही परोपकारी संस्कार मिले हैं! कि अपनी खुशी तब और भी सार्थक और सत्यपरक  हो जाती है। जब इस खुशी में लाचार लोगों की चेहरे की मुस्कान शामिल हो जाती है। जब कभी भी अपने फुर्सत के क्षण राजीव शर्मा को नसीब होते हैं। तो वह अपनी सामर्थ्य मुताबिक गरीब बच्चों में कुछ ना कुछ खाने की चीजें बांटते रहते हैं। छोटे बच्चों को कोई ना कोई खिलौना थमा देते हैं। और उनके साथ धरती पर बैठकर ही ढेरों बातें करते हैं। बच्चों के साथ खूब घुल मिल जाते हैं। हंसते खेलते हैं। और उन्हें रिफ्रेशमेंट के तौर पर राजीव शर्मा खाने को हेल्दी डाइट भी देते हैं। राजीव शर्मा अक्सर ऐसे बच्चों के साथ सार्वजनिक पार्कों, रोज गार्डन या कभी सुखना झील के किनारे अक्सर बैठे बतियाते देखे जाते हैं। हमारे समाज को भी इन से शिक्षा व प्रेरणा लेनी चाहिए।  दूसरों का सहारा बनें। दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाएं। यही पढ़ाई लिखाई का सही सार्थक रूप है। यही इंसान होने का पूरा मतलब है।

अल्फा न्यूज़ इंडिया राजीव शर्मा की नेक नियति और परोपकारी भावना का सम्मान करते हुए उनके उज्जवल भविष्य और स्वस्थ दीर्घायु जीवन की आशीर्वाद व शुभकामनाएं देता है।

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