वार्ड 17 की मुसीबतें 18, मुकाबला तिकोना, झोंक रहे प्रत्याशी पूरी पावर

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चंडीगढ़:- 19 दिसंबर:-आर के विक्रमा शर्मा/ अनिल शारदा+करण शर्मा:—नगर निगम चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं सियासी पार्टियों के प्रत्याशी अपने-अपने वार्डों में अपने अपने वोटरों को लुभाने के लिए अनेकों प्रकार के लुभावने वादे और दावे करते हुए अपनी अपनी जीत की ताल ठोक रहे हैं और पिछली कारगुजारी ऊपर खून मिट्टी कीचड़ उछाल रहे हैं और खुद उन मुसीबतों से वार्ड के वोटरों को निजात दिलाने की गारंटी दे रहे हैं। ठीक वैसे ही जैसे जब से नगर निगम के चुनाव होते आ रहे हैं। हर कोई प्रत्याशी यह गारंटी देता आया है। वार्ड नंबर 17 जिसमें मुसीबतें हैं 18। हद तो यह है कि यहां से  कांग्रेस आई व  भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करती आई है। लेकिन हद की बात है महज 2 सेक्टरों के बाद में अभी भी मुसीबतों के अंबार जाने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बिजली पानी अंदरूनी सड़कें पार्क सार्वजनिक शौचालय ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं का अज्ञात कारणों से आज तक हल नहीं हुआ है। यह अपने आप में एक शर्मिंदगी भरा वाक्य है। वार्ड 17 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रविकांत शर्मा हैं। जो मौजूदा मेयर भी हैं। उनके मुकाबले में कांग्रेस आई से नसीब जाखड़ और आम आदमी पार्टी से दमनप्रीत सिंह ताल ठोक रहे हैं। रवि कांत शर्मा ग्रेजुएट भी हैं और एमबीए भी हैं। इसी तरह जाखड़ भी ग्रेजुएट हैं। दमनप्रीत सिंह 12वीं पास हैं। उनके ताया जी जसविंदर सिंह लाटी नागपाल शास्त्री मार्केट के प्रधान हैं। सभी भाइयों का परिवार दमन के साथ खड़ा है। और दमनप्रीत सिंह वार्ड के तमाम लंबित कामों को पूरा करवाने का दम भर रहे हैं। दूसरी और राजनीति में अच्छी धाकड़ रुतबा जमा चुके रविकांत शर्मा का कहना है कि वार्ड के दोनों सेक्टरों में तकरीबन तमाम मुश्किलातें हल कर दी जा चुकी हैं। और अगर कुछ और कमियां रह गई हैं। तो इस मर्तबा जीत के बाद उनका भी समाधान हो जाएगा।। वार्ड के वोटरों को बता दें कि रवि कांत शर्मा इसी सेक्टर के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। तो दमनजीत सिंह को कांग्रेस आई के पूर्व मेयर और पार्षद रहे प्रदीप छाबड़ा ने मैदान में उतारा है।जो कि खुद भी आम आदमी पार्टी जॉइन करने के बाद आम आदमी पार्टी का मेयर शहर को देने की ताल ठोक रहे। प्रदीप छाबड़ा अपने पुराने किए गए विकास कार्यों की धमक वोटरों तक पहुंचा रहे हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेसी यह भी कहते सुने जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल ने प्रदीप छाबड़ा को भी अपने वार्ड से चुनाव लड़ने की फोन पर बात कही थी। जो अखबारों में भी छपी थी। पर अज्ञात भय कारण से प्रदीप छाबड़ा चुनाव मैदान में पीछे रहकर शहर भर में अपने प्रत्याशियों के पीठ थपथपा रहे हैं। और अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए जीत को पक्की कर रहे हैं। प्रदीप छाबड़ा और रवि कांत शर्मा दोनों नगर निगम में मेयर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। अपने वार्ड का बनता विकास भी कर चुके हैं। ऐसे में दमनप्रीत सिंह के लिए जीतने की राह थोड़ा मुश्किल हो सकती है। लेकिन इस मुश्किल को हटाने की जिम्मेवारी प्रदीप छाबड़ा ने अपने कंधों पर ले रखी है। और दमनप्रीत सिंह की जीत को सुनिश्चित कर रहे हैं। वहीं, वोटर रविकांत शर्मा और नसीब जाखड़ में मुकाबला बता रहे हैं। इस दौड़ में दमनप्रीत सिंह को हाशिए पर मान रहे हैं। जबकि वार्ड की सिख जमात आम आदमी पार्टी के नुमाइंदा दमनप्रीत सिंह के साथ खड़ी है। इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को लंबे अरसे से अपनी पार्टी मानने वाले सिख भाईचारे की भी कमी नहीं है। ठीक इसी प्रकार वार्ड के क्रिश्चियन और मुस्लिम भाईचारे की वोटें भी तीनों प्रत्याशियों को डलेंगी। इसमें भी कोई दो राय नहीं है। वार्ड 17 के दुकानदार बिजनेसमैन और पुराने बंशिदे परिवार भी भाजपा और कांग्रेस और अब चंडीगढ़ की राजनीति में पैर जमा रही आम आदमी पार्टी के साथ अपनी अपनी रुचि मुताबिक खड़े हैं। यानी यह वोट भी स्पष्ट रूप से बंटी हुई है। प्रत्याशियों की तुलना करें तो दमनप्रीत सिंह और नसीब जाखड़ राजनीति में अभी एंट्री कर रहे हैं। इन दोनों के मुकाबले में खड़े प्रत्याशी रवि कांत शर्मा लंबे अरसे से राजनीति की धुरंधर कहे जाते हैं। और मौजूदा मेयर भी हैं। इसलिए दोनों नौजवान प्रत्याशियों को जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना स्वभाविक है। शास्त्री मार्केट के अधिकांश वोटर्स स्पोर्ट्स हालांकि पूरी तरह से बंटे हुए हैं। लेकिन अधिकतर दमनप्रीत सिंह के साथ उनके ताया जी लाटी नागपाल के कारण बखूबी जुड़े हुए हैं। जो उनकी जीत को पक्का कर रहे हैं। विकास और बदलाव की हवा कड़ाके की सर्दी से भी ऊपर बह रही है।

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