चंडीगढ़:-19 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:—- भारतीय धर्म संस्कृति और सभ्यता धरती पर सबसे प्राचीनतम धरोहर है। यह वह सागर है, जिससे धर्म संप्रदाय व मत आदि का जन्म हुआ है। और इसने अपनी अमृतमयी ज्ञान की बूंदे सभी धर्मों में छिड़की हैं। और उनमें प्राण फूंके हैं। दुनिया का हर धर्म सनातन धर्म से शुरू हुआ था। और इसके प्रमाण धरती के एक कोने से दूसरे कोने तक यदा-कदा विद्यमान है। मक्का मदीना इसका सबसे सफल पुष्ट उदाहरण है।
💥 *विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 🌷 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो* 🌷
🐈 *बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपशकुन मत मानो ….राहु का वाहन है बिल्ली…. बिल्ली रास्ता काट जाये तो राहु देवता आ रहे हैं पीछे-पीछे मेरी मदद करने के लिए …मेरा मनोबल बढाने के लिए एक बार मन में बोल दो ” ॐ रहवये नमः ” …राहु का मंत्र है …राहु भी खुश हो जायेंगे ।*
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है ।घर-दुकान या मंदिर में या उत्तर-पूर्व दिशा में गाय की तस्वीर लगाने से दुर्भाग्य खत्म होता है ।
🌷 *कर्पूर मिश्रित जल* 🌷
👉🏻 *गो चंदन अगरबत्ती गाय के घी में डुबो के जला देते तो भी गाय के गोबर के कंडे जैसा परिणाम देगा …. कभी मै उस में कपूर भी रख देता…. कभी कभी कर्पूर मिश्रित जल कमरे में छिटक देना भी हितकारी माना जाता है ….कपूर पानी में डाल के वो पानी कमरे में छिटक दे…..*