चंडीगढ़:- 18 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा :—हर कदम हर सांस परोपकार करते चलो आशा है की मदद करते चलो किसी बेसहारा का सहारा बनते चलो ना जाने कौनसी सांस आखिरी सांस है। जो आया है वह जाएगा। दुख इस बात का होता है कि समय से पहले जो चले जाते हैं। वह अपने पीछे वीरानियां छोड़ जाते हैं। लोग उनको इसलिए याद करते हैं कि वह उन लोगों को श्वास और दिलों की धड़कन दे जाते हैं। दिल की धड़कन देने वाले अतुल पांडे इस वक्त सब को छोड़कर इस जहां से रुखसत हो चुके हैं। जी हां! अतुल पांडे मात्र 33 बसंत ऋतु देखकर दुनिया के दिलों को धड़कने में सहज और सरलता की मशीन पेसमेकर देकर इस जहां को अलविदा कह गए। अतुल पांडे पेसमेकर बनाने में सिद्धहस्त पर्सनैलिटी मानी जाती है। जर्मनी के हैनोवर सिटी में बीते 11 दिसंबर को अपने दिल की आखिरी धड़कन सुनकर भौतिक संसार को छोड़कर श्री शिव भगवान के श्री चरणों में जा विराजे हैं। उनका परिवार खुद को असहाय पा रहा है। और सभी शोक में डूबे हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ जानकीपुरम के मूल निवासी अतुल पाण्डेय का देहावसान कार्डिक अरेस्ट के कारण जर्मनी के हैनोवर सिटी में हो हुआ। वह अपनी धर्मपत्नी सौम्या और मासूम बेटे अर्श के साथ रहते थे। अतुल पाण्डेय अपने परिवार विशेषकर अपनी बहनों से वीडियो कालिंग पर रोजाना 10 बजे रात तक बतियाते थे। अतुल की पत्नी सौम्या और मासूम बेटे अर्श ने एक साथ रात का डिनर एंजॉय किया। इसके तुरंत बाद अतुल की हेल्थ यकलखत बिगड़ने लगी। अतुल बाथरूम गये और वहीं गिर गये। अतुल की पत्नी सौम्या पांडेय अतुल पांडेय को अस्पताल ले गई। और अगले 10-15 मिनट में अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने सौम्या को बताया कि अतुल ब्राउट डैड है। और उनकी कार्डियक अरेस्ट से डेथ हो चुकी है। सौम्या पांडेय और अर्श पांडेय की दुनिया वीरान हो चुकी थी। सौम्या पांडेय विदेश में अतुल के साथ रहते हुए सारी दुनिया के साथ थी। लेकिन इस वक्त सारी दुनिया में रहते हुए बिल्कुल अकेली हो गई थी। अतुल पांडेय अब कभी अपने दिल की धड़कन दूसरों को तो क्या खुद भी नहीं सुन पाएंगे। जो दुनिया को धड़कन दे गया। भगवान ने उसकी सदा के लिए धड़कन ही बंद कर दी। यह भाग्य की विडंबना है। जिन परोपकारी इंसानों की धरती पर जरूरत होती है। उनकी भला भगवान को क्यों ना जरूरत हो। कृतज्ञ भौतिक समाज अतुल पांडे को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। और शोकाकुल परिवार को सदमा सहने का भगवान शिव से बल बक्शने की विनती करता है। दिल को धड़काने वाली कृत्रिम धड़कन देने वाली मशीन पेसमेकर बनाने वाला इंजीनियर अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसकी अविष्कार की गई उपलब्धि अनंत समय तक दिल की धड़कन से महफूज हो चुके लोगों को अभी भी दिल की धड़कन देने में समर्थ रहेगी।