चंडीगढ़: 13 दिसंबर: आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा+ अनिल शारदा :--आधुनिक शिक्षा के दौर में आज शिक्षकों का अपना ही भविष्य अंधेरे में है रोशनी की उम्मीद लगाए शिक्षक पेट पर पत्थर बांधकर लंबे समय से हड़ताल पर बैठे हुए हैं रोष धरने प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। कारण सर्वविदित है। सिवा सरकार के। सरकार का ढांचा पूरी तरह से शिक्षित समाज पर निर्भर करता है। और इस समाज को शिक्षित करने का सारा जिम्मा शिक्षकों का है। शिक्षकों का, जिनकी ओर सरकार, प्रशासन कोई भी ध्यान देने को राजी नहीं है। फलस्वरूप शिक्षक ढांचा पूरी तरह से चरर्मरा रहा है। और उसके साथ-साथ विद्यार्थी समाज का भविष्य भी गर्क होता जा रहा है। डीएवी कॉलेज में लंबे समय से भूख हड़ताल चल रही है। लेकिन क्या मजाल स्थानीय सरकारों और प्रशासनों का कि कोई इस ओर तवज्जो दे।
सातवां वेतन आयोग समूचे देश में लागू हो चुका है। लेकिन शिक्षक समाज को अभी तक इससे अछूता रखा गया है। इसी अनदेखी का विरोध करने के लिए शिक्षक पीसफुली प्रोटेस्ट का सहारा लेते हुए 14 दिसंबर को मटका चौक चंडीगढ़ में विशाल रोष प्रदर्शन सवेरे 9:30 बजे करेंगे। शांति पूर्वक इस विरोध एफ यू सी के के बैनर तले चंडीगढ़ पंजाब के तमाम कॉलेजेस और पंजाब यूनिवर्सिटी इस प्रोटेस्ट में बढ़ चढ़कर भाग लेंगे। अल्फा न्यूज इंडिया को यह जानकारी डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ के प्रोफेसर शमिंदर सिंह ने देते हुए कहा है कि मंगलवार को होने जा रहे इस प्रोटेस्ट को तमाम विरोध दर्ज करवाने वाले शिक्षक शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न करेंगे। कोई भी किसी भी तरह की शांति व्यवस्था को भंग नहीं करेगा। क्योंकि हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ अपना विरोध प्रकट करना है। ना कि समाज को किसी तरह की कोई परेशानी से रूबरू करवाना है।।