चंडीगढ़:30 नवंबर:- अल्फ न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा एक दागी कंपनी को प्रमोट किए जाने का मामला सामने आया है। नगर निगम ने एक ऐसी कंपनी को करोड़ों का टेंडर दे दिया जिसके खिलाफ पंजाब विजिलेंस ब्यूरो जांच कर रही है। असीस इलैक्ट्रिकल के संचालक गुरआशीष ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि निगम ने 14 जनवरी 2019 को शहर के हादसों वाले क्षेत्रों को चिन्हित करके वहां पर लाईटें लगाने का टैंडर जारी किया था। इसके लिए बेस रेट 12 करोड़ 25 लाख रखा गया था। नियमों से उलट और मिलीभुगत के साथ इसमें केवल साहनी इलैक्ट्रिकल ने भाग लिया। निगम के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर 27 फरवरी को टैंडर खोल दिया। दो मार्च को चंडीगढ़ की साहनी इलैट्रिक्ल को टेंडर अलाट कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि टैंडर की शर्तों के अनुसार वही कंपनी भाग ले सकती है जिसके खिलाफ कोई मामला दर्ज न हो और कोई जांच विचाराधीन न हो। इसके उलट निगम ने जिस कंपनी को टैंडर दिया उसके खिलाफ पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 15 November 2017 को एक मामला दर्ज किया था। जिसकी जांच आजतक भी चल रही है। गुरआशीष ने बताया कि उन्होंने इस बारे में वर्ष 2019 में तत्कालीन प्रशासक सलाहकार तथा अन्य अधिकारियों को एक शिकायत दी। जिसके बाद जांच शुरू तो हुई लेकिन किसी अंजाम तक नहीं पहुंची।
उन्होंने बताया कि उन्हें शिकायत के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने 14 नवंबर 2019 को एक पत्र भेजकर शिकायत की पुष्टि करवाई। उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपनी शिकायत को वैरीफाई करते हुए जांच को आगे बढ़ाने के लिए कहा कि लेकिन आज तक जांच आगे नहीं बढ़ सकी है।
इसके बाद 27 जुलाई 2020 को विजिलेंस ब्यूरो ने यह शिकायत स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव को भेज दी और जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए। गुरआशीष ने बताया कि निगम अधिकारियों ने मिलीभुगत करके दागी कंपनी को न केवल करोड़ों का काम दिया बल्कि उसे पेमेंट भी जारी की जा रही है।
उन्होंने कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने तथा बैंक गारंटी जब्त करने की मांग करते हुए कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन तथा विजिलेंस ब्यूरो द्वारा इस मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने पर अब उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए सीबीआई को शिकायत दी है। सीबीआई ने शिकायत को स्वीकार कर लिया है। गुर आशीष ने इस मामले में सीबीआई से निषपक्ष जांच की गुहार लगाई है।