चंडीगढ़: 21 नवंबर आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति:—आयरन कई शारीरिक कार्यों के लिए ज़िम्मेदार होता है। हीमोग्लोबिन बनाने के लिए इस्तेमाल होने के अलावा, लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के सभी हिस्सों में ले जाता है, यह मायोग्लोबिन का उत्पादन करने में भी मदद करता है, एक प्रोटीन जो मांसपेशियों को ऑक्सीजन प्रदान करता है। साथ ही शरीर में पर्याप्त आयरन होने से इम्यूनिटी को भी बढ़ावा मिलता है। अगर इम्यून सिस्टम स्वस्थ हो तो आपका शरीर और दिमाग़ स्वस्थ रहेगा। आयरन हीमोग्लोबिन का उत्पादन करता है, जो बदले में क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों को ऑक्सीजन प्रदान करता है, यह संक्रामक रोगों और वायरल बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है।
शरीर में आयरन की कमी से घाव आसानी से हो जाते हैं और जल्दी ठीक भी नहीं होते। इसलिए आयरन से भरपूर डाइट लेनी की सभी को ज़रूरत होती है।
ज़बरदस्त कमज़ोरी और थकावट
जिस व्यक्ति में आयरन की कमी होती है वो हमेशा कमज़ोर और थका हुआ महसूस करता है। आयरन वह खनिज है जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, एक प्रोटीन जो शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए ज़िम्मेदार होता है। आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन भी कम होता है, जिसका मतलब है कि कम ऑक्सीजन आपके ऊतकों और मांसपेशियों तक पहुचती है, जिससे ऊर्जा की कमी होने लगती है।
सासं का फूलना या सांस लेने में तकलीफ
जैसा कि ऊपर भी बताया गया है कि आयरन हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने में मदद करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि शरीर के विभिन्न हिस्सों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिले। हालांकि, जब आयरन का स्तर कम होता है, तो इसका मतलब है कि हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन दोनों का स्तर भी कम होगा। मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से शरीर को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिसकी वजह से सांस फूलने लगती है या सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में सिर्फ चलना, सीढ़ियां चढ़ना, एक्सरसाइज़ करना भी मुश्किल लगने लगता है
दिल की धड़कनों का बढ़ना
ऐसे समय में जब शरीर में आयरन की कमी होती है और हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है, हृदय को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल की धड़कनें अनियमित हो सकती है या हृदय गति में वृद्धि हो सकती है।
चक्कर आना और सिर दर्द
लोहे की कमी मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह को सीमित कर सकती है, जिससे सिरदर्द और चक्कर आना अधिक सामान्य हो जाता है। इससे अक्सर महिलाएं जूझती हैं।
पीली त्वचा
लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन ही रक्त को लाल रंग देता है। जब कोई व्यक्ति आयरन की कमी से जूझ रहा होता है, तो इस प्रक्रिया में हीमोग्लोबिन का उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे त्वचा अपना गुलाबी रंग और गर्माहट खो देती है। चेहरा, मसूड़े, नाखून और पलक के अंदरूनी हिस्से पीले पड़ सकते हैं।
जिससे साफ हो जाता है कि व्यक्ति अनीमिया से जूझ रहा है। ऐसे में फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
गले व मुंह में सूजन और ख़राश
आपका मुंह और ज़बान कई तरीकों से आयरन की कमी के संकेत देते हैं। अगर आपकी जीभ या मुंह में रेडनेस और सूजन है, तो संभावना है कि आपके शरीर में पर्याप्त आयरन की कमी है। अन्य लक्षणों में मुंह का सूखना, जलन, मुंह के किनारों पर लाल रंग की दरारें और मुंह में छाले शामिल हो सकते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।। साभार अरथ प्रकाश।।।।