चंडीगढ़:14 नवंबर:- आरके विक्रमा शर्मा+करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:—-*अजवायन के अद्भुत प्रभावशाली प्रयोग*
*कब लें और कब न लें..!*
*(1). बुखार और शरीर में दर्द*
जब हल्का हल्का बुखार लगे और सारा शरीर दर्द करे, सुबह से शाम तक सारा शरीर जाम रहे, काम करना भारी लगे, सर भारी हो तब…
● 1 छोटा चम्मच अजवायन को 200ml पानी में भिगो दें फिर 12 घंटे में छान लें।
● इस पानी को गुनगुना करें।
● मामूली सा सेंधा नमक या काला नमक मिलाकर दिन में दो बार पियें।
● इसे 5 दिन से अधिक न लें।
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*(2). पेट के कीड़े,*
रात को बार बार पेशाब, बिस्तर में पेशाब, पेट की गैस, मुंह की बदबू की समस्या के लिये
● अजवायन पीस कर बराबर मात्रा में गुड़ मिला लें।
● बच्चे को 1 मटर के दाने के बराबर (उम्र के अनुसार) पानी से रात में और बड़े को आधा चम्मच दें।
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*(3). भोजन ना पचना -*
भोजन के बीच में ही एक चौथाई चम्मच साबुत अजवायन पानी से निगल लें। बाकी भोजन बाद में खाएं। जादुई उपचार है।
● 1 सप्ताह में 5 दिन लेकर 2 दिन के लिये बंद कर दें।
*विशेष सावधानी,,,,,,*जिन्हें…●गहरे पीले रंग का मल आता है,● अधिक पीला मूत्र है,● अत्याधिक एसिडिटी है,● आँखों में जलन है।वो व्यक्ति*वो अजवायन बिलकुल ना लें।*########################*
राई (Mustard) के इन फायदों को जानकर आप भी दंग रह जाएंगे…**जानिये….**”*”*”*”*”*”*”*”
आमतौर पर हमारे घरों में राई का इस्तेमाल अचार बनाने या फिर कुछ सब्जियों और सांभर में तड़का लगाने के लिए किया जाता है।
हम राई का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन उससे होने वाले फायदों के बारे में हमें बहुत कुछ पता नहीं होता है।
राई देखने में भले ही छोटी होते हैं लेकिन इसके इस्तेमाल से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
*राई के फायदे************
(1). अगर आपको बहुत अधिक घबराहट होती है तो राई को पीसकर प्रयोग में लाना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा!
राई को पीसकर हाथ और पैर पर मलने से घबराहट कम होती है और राहत मिलती है।
(2). राई में मायरोसीन, सिनिग्रिन जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये दोनों ही चीजें स्किन के लिए बहुत फायदेमंद हैं। रोजाना राई के पानी से चेहरा धोने पर चेहरे की रंगत निखरती है और मॉइश्चर भी बना रहता है।
(3). राई में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। अगर कहीं चोट लग जाए या फिर कांटा चुभ जाए तो राई को पीसकर उसमें शहद मिला लें। इस लेप को घाव पर लगाने से जख्म जल्दी भरता है और मवाद भी नहीं बनता।
(4). अगर आपके बाल बहुत अधिक गिर रहे हैं और डैंड्रफ की प्रॉब्लम ने आपको परेशान कर रखा है तो राई का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा।
आप चाहें तो राई को रात भर भिंगोकर उसके पानी से सिर धो सकते हैं। इसके अलावा इसे पीसकर प्रयोग में लाना भी फायदेमंद रहेगा।
(5). अगर आपको भी जोड़ों के दर्द की शिकायत है तो राई का इस्तेमाल आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। रोजाना राई के लेप से जोड़ों की मसाज करने से जोड़ों के दर्द में फायदा होता है। आप चाहें तो इसमें कपूर भी पीसकर मिला सकते हैं।
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आंबा हल्दी के अद्भुत लाभ*
आंबा हल्दी के पेड़ भी हल्दी की ही तरह होते हैं।
*●● अंतर ●●*
◆ आंबा हल्दी के पत्ते लम्बे तथा नुकीले, गांठ बड़ी और भीतर से लाल तथा इसमें सिकुड़न और झुर्रियां नही होती।
◆ हल्दी की गांठ छोटी और पीली होती है।
*अन्य भाषाओं मे नाम*
आम्रगन्धा, सुरभीदारू, दारू, कर्पूरा, पदमपत्र, कपूर हल्दी, आंबिया हल्दी, आमआदा, आबे हल्द, आंबा हल्दर, पालुपसुप, मैंगों जिंजर और करक्यूमा एरोमोटिका।
*●● रंग ●●*
लालिमा लिए हुए पीली रंग की।
*●● स्वाद ●●*
कड़वी और तेज।
*●● स्वरूप ●●*
एक पेड़ की जड़ जो मिट्टी में उगती है।
*●● स्वभाव ●●*
तासीर गरम।
*●● हानि ●●*
अधिक मात्रा में सेवन हृदय के लिए हानिकारक।
*●● मात्रा ●●*
सेवन 4 ग्राम की मात्रा तक ही।
*●● गुण ●●*यह वायु शांति कारक, पाचक, पथरी को तोड़ने वाली, पेशाब की रुकावट को खत्म करने वाली, घाव और चोट में लाभ करने वाली, मंजन करने से मुंह के रोगों को खत्म करती है।
खांसी, सांस और हिचकी में लाभकारी।।।।
*अन्य रोगों में…**
(1). सूजन आने पर..*
आंबा हल्दी को ऐलोवेरा के गूदे पर डालकर कुछ गरम करके बांधने से सूजन दूर होती है तथा घाव को भरती है।
*(2). शीतला (मसूरिका) ज्वर के निशान होने पर..*
● आम्बा हल्दी, सरकण्डे की जड़ और जलाई हुई कौड़ी को कूटकर छान लें।
● फिर भैंस के दूध में मिलाकर रात के समय चेहरे पर लगाकर सो जायें।
पानी में भूसी को भिगो दें।
● सुबह और शाम उसी भूसी वाले पानी से मुंह को धोने से माता के दाग-धब्बे दूर हो जाएंगे।
*(3). चोट लगने पर..*
चोट सज्जी, अम्बा हल्दी 10-10 ग्राम को पानी में पीसकर कपड़े पर लगाकर चोट (मोच) वाले स्थान पर बांधें।
● आंबा हल्दी को पीसकर, गरम करके बांधने से चोट को ठीक करती है तथा सूजन दूर होती है।
◆पपड़िया कत्था 20 ग्राम
◆ अम्बा हल्दी 20 ग्राम
◆ कपूर, लौंग 3 ग्राम, को पानी में पीसकर चोटमोच पर लगाकर पट्टी बांध दें।
● अम्बाहल्दी, मुरमक्की, मेदा लकड़ी 10-10 ग्राम लेकर पानी में पीसकर हल्का गर्म कर चोट पर लगायें।
*(4). घाव हो जाने पर..*
अम्बाहल्दी, चोट सज्जी 10-10 ग्राम पीसकर 50ml गर्म तेल में मिला दें।
ठंडा होने पर रूई भिगोकर घाव, जख्म पर बांध दें।
*(5). हड्डी कमजोर हो तो..*
चौधारा, आंबा हल्दी 10-10 ग्राम पीसकर घी में भून लें।
उसमें सज्जी और सेंधानमक 5-5 ग्राम पीसकर मिला लें।
टूटी हड्डी और गुम चोट पर बांधने से लाभ होगा।।
● आंबा हल्दी 3 ग्राम पानी से सुबह शाम लें और मैदालकड़ी, कुरण्ड, चोट सज्जी, कच्ची फिटकरी, आंबा हल्दी 10-10 ग्राम पानी में पीसकर कपड़े पर फैलाएं, चोट पर रखकर रूई लगाकर बांध दे। साभार कौशल नैचुरोपैथी।।।।।