दिव्यांग अधिकार कानून 2016 को लागू करने की मांग”

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 “चंडीगढ़ के दिव्यांग एम्प्लाई वेलफेयर के लिए दिव्यांग अधिकार कानून 2016 को लागू करने की मांग” 
चंडीगढ़:  06 सितंबर : आरके शर्मा विक्रमा /मोनिका शर्मा ;— चंडीगढ़ के भाजपा नेता और पूर्व पार्षद श्री सतिन्दर सिंह ने रूपदिल जीत बराड़ संचालक स्कूल शिक्षा, चंडीगढ़ को मिलकर पत्र दिया ओर कहा कि चंडीगढ़ के स्कूलों के टीचिंग और गैर टीचिंग दिव्यांग कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए, प्रशसन ने अभी तक पूरी तरह पुख्ता ब्यवस्था नहीं की है ।
सतिन्दर सिंह ने भारत-सरकार के “दिव्यांग अधिकार कानून 2016” के प्रावधानों का उल्लेख करते हुये स्कूल डी.एच.ई. को यह जानकारी डी है कि , चंडीगढ़ के शासकीय स्कूल के स्कूल-प्रशासन और वहाँ के अधिकारी और कर्मचारी, कुछ अन्य कर्मचारी जो कि दिव्यांग है, के साथ ऐसा ब्यवहार करते है जो ब्यवहार , भारत-सरकार के “दिव्यांग अधिकार कानून 2016” के प्रावधानों के सेक्शन-92 के अनुसार 5 साल तक के सश्रम कारावास की सज़ा के, प्रावधान में आते है । इस कानून के तहत किसी भी दिव्यांग कर्मचारी से जबर्दस्ती, वें कार्य नहीं कराये जा सकते जो कि, उसके शारीरिक क्षमताओं के बाहर हो, लेकिन कुछ ऐसी घटनाएँ देखने में आ रहीं हैं जिसमें कुछ स्कूल प्रशासन और वहाँ के कर्मचारी, दिव्यांग कर्मचारियों को ऐसे कार्ये करने को मजबूर कर रहें है । जो की न सिर्फ निं,दनीय बल्कि सज़ा-कारक कृत्य है ।
सतिन्दर सिंह ने संचालक स्कूल शिक्षा से मांग की हैं कि वें इस तरह कि घटनाओं को पूरी तत्परता से चेक करें और दोषियों पर न सिर्फ कड़ी कार्यवाही करें बल्कि, चंडीगढ़ प्रशासन में, इस कानून को पूरी तरह लागू करने की ब्यवस्था करें ताकि, चंडीगढ़ के दिव्यांग जन अपने जीवन को पूरी गरिमा, और सम्मान के साथ जी सके । साथ ही साथ दिव्यांग जनों के साथ होने वाले बुरे वर्ताव, हिंसा, और शोषण को रोका जा सके । साथ ही प्रशासन को यह सुनिश्चित भी करना चाहिए कि इस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार दिव्यांग जनों को शासकीय कार्यालयों में सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो ।
रूपदिर जीत बराड़ जी ने विश्वास दिलाया कि दिव्याग अध्यापकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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