कार्तिक मास कृष्ण पक्ष व्रत पर्व त्यौहार प्रारंभ, कृष्ण कांति में हों लीन: पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:-21 अक्टूबर:-आरके विक्रमा शर्मा+ करण शर्मा प्रस्तुति:—पर्व व त्यौहार – कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रारम्भ , कार्तिक मासीय व्रत – यम – नियमादि प्रारम्भ, कार्तिक मास में द्विदल (दाल ) का त्याग करना चाहिए, तुलसीदल से श्री विष्णु पूजा, भगवान श्री अनन्त नाथ गर्भ कल्याणक, श्री सुरजीत सिंह बरनाला जयन्ती, आजाद हिन्द फौज स्थापना दिवस, विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस, शून्य उत्सर्जन दिवस, भारतीय पुलिस स्मृति दिवस।_*

✍🏼 *_विशेष – प्रतिपदा को कद्दू एवं कूष्माण्ड तथा द्वितीया तिथि को कटेरी के फल का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि और सिद्धिप्रद तिथि मानी जाती है। इसके स्वामी अग्नि देवता हैं और यह तिथि नन्दा नाम से विख्यात है।

 

*_वास्तु शास्त्र में आज जानिए घर के फर्श के कलर के बारे में। उदाहरण के लिए अगर आपके घर की दीवारों का रंग बहुत गहरा है तो आपको अपने घर के फर्श के लिये व्हाइट या ऑफ व्हाइट मार्बल या पत्थर का चुनाव करना चाहिए। इससे घर में कलर बैलेंस ठीक बना रहता है, साथ ही इससे घर के लोग कई तरह के नुकसान से भी बचे रहते हैं। बता दें कि घर में फर्श पर ज्यादा गहरे या चटकीले प्रिंट वाले कार्पेट का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। इससे घर में नेगेटिव एनर्जी का फ्लो बढ़ता है और घर की सुख-शांति में भी बाधा आती है। इसलिए फर्श के लिये हल्के रंग के मार्बल का इस्तेमाल करना बेहतर ऑप्शन है।_*

*_जीवनोपयोगी कुंजियां_* ⚜️

*_पाइल्स से निजात पाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय_*

*_दूध और नींबू रोजाना एक कप दूध को गर्म करके नॉर्मल तापमान में ठंडा कर लें। इसके बाद इसमें नींबू का रस डालकर तुरंत पी लें। लगातार 3-7 दिन करें। इससे आपको पाइल्स की समस्या से निजात मिल जाएगी।_*

*_कपूर इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही कपूर में हीलिंग पॉवर होती है जो पाइल्स के मरीजों को ठंडक पहुंचाता है। पाइल्स की समस्या से निजात पाने के लिए शुद्ध कपूर को चने के बराबर मात्रा में लेकर थोड़े से केले में डालकर खा लें।_*

*_नागदोन के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर नागदोन के पत्ते भी बवासीर की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं। रोजाना नागदोन के 3 पत्ते खाएं।_*

🍃 *_आरोग्य संजीवनी_* ☘️

 

*_क्या है डेंगू का नया वेरिएंट डी-2?_*

*_दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा सहित कई प्रदेशों में डेंगू का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। डेंगू को चार रूपों में आकार लेने के लिए जाना जाता है। D1, D2, D3 और D4। वहीं DENV-2 में कई ऐसी विशेषताएं हैं जो इसे खतरनाक बना देती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव के अनुसार सामान्य डेंगू की तरह इस स्ट्रेन से ग्रसित मरीजों में बुखार और दूसरे लक्षण देखे जा रहे हैं। DENV संक्रमण कभी-कभी तेजी से फ्लू की तरह फैलता है जिसकी वजह से मरीजों की संख्या बढ़ सकती है और इसकी वजह से मौत का खतरा भी बढ़ जाता है।_*

*_डेंगू के नए स्ट्रेन डी-2 के लक्षण_*

*_रक्‍तस्‍त्राव होना डी2 मरीजों के लिए तब खतरनाक हो जाता है जब डेंगू का बुखार बढ़ जाने के कारण शरीर के अंदर और बाहर रक्‍तस्‍त्राव हो जाए।डेंगू में रक्‍त धमनियों में रक्‍तस्राव होने के कारण ही इसे हैमरहेजिक फीवर के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में डेंगू से पीड़ित मरीज के कान, नाक, मसूढ़े आदि से खून आने लगता है।_*

*_तेजी से प्लेटलेट्स गिरना डेंगू की समस्या में प्लेटलेट्स गिरना आम लक्षण है। लेकिन डेंगू के नए स्ट्रेन के शिकार व्यक्ति की प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरने लगती है। ऐसे में अगर इलाज सही समय पर न मिला तो इम्यून सिस्टम खराब हो जाता है। ऐसे में शरीर अधिक कमजोर हो जाता है और व्यक्ति के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।_*

 

*_गुरु भक्ति योग_* *_धर्म शास्त्रों की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। हमारे इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में हमने बताया है कि सपने और लक्ष्य में क्या अंतर होता है।_*

 

*_’सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है। सपने के लिए बिना मेहनत अच्छी नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद मेहनत।’_*

 

*_इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को इन दो चीजों में क्या अंतर है ये समझ में आना चाहिए। ये दो चीजें हैं- लक्ष्य और सपने। आचार्य चाणक्य का कहना है कि किसी को भी अच्छे सपने तभी आएंगे जब वो बिना मेहनत किए सोएगा। यानी कि उसका दिनभर ऐसा बीता हो जिसमें उसने किसी भी तरह का ऐसा काम ना किया हो जिसमें वो शारीरिक या फिर मानसिक रूप से थक गया हो। ऐसा इसलिए जब आप पूरी तरह से थक जाएंगे तो आपका मन भी अशांत होगा। अशांत मन में किसी भी तरह के सपने नहीं आते हैं। यानी कि आपको अच्छे सपने तभी आएंगे जब आपका मन शांत हो और आपने सुकून भरी नींद ली हो।_*

*_दूसरी तरफ बात करते हैं लक्ष्य की। अगर किसी भी व्यक्ति को अपने लक्ष्य को पूरा करना है तो उसे नींद का त्याग करना होगा। जो व्यक्ति सुकून भरी नींद सोएगा उसका लक्ष्य को प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप कुछ भी हासिल करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। जब आप कड़ी मेहनत करेंगे तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। इसी वजह से हमने कहा है कि सपने और लक्ष्य में एक ही अंतर है। सपने के लिए बिना मेहनत अच्छी नींद चाहिए और लक्ष्य के लिए बिना नींद मेहनत।

 

*_अश्विन नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से पहला नक्षत्र है और घोड़े के सिर का प्रतीक है। अश्विनी नक्षत्र साहस, जीवन, और शक्ति का प्रतीक है। अश्विनी एक देवता नक्षत्र है जिसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह नाम अश्विनी-कुमारों से संबंधित है जो हिंदू देवता माने जाते हैं।_*

*_अश्विनी नक्षत्र का लिंग पुरुष है। अश्विन नक्षत्र का आराध्य वृक्ष कुचला और स्वभाव शुभ माना गया है ।_*

*_अश्विन नक्षत्र में जन्मे जातक धनवान तथा भाग्यवान होते है। यह धन, स्त्री,आभूषण तथा पुत्रादि का पूर्ण सुख प्राप्त करते है। ऐसे जातक सक्रिय, उत्साही होते है यह अपने फैसलों पर दृढ़ रहते हैं।_*

*_अश्विनी नक्षत्र के जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 2, 7 और 9, भाग्यशाली रंग पीला, मैरून, ऑरेंज, गुलाबी, एवं भाग्यशाली दिन मंगलवार तथा गुरुवार होता है ।_*

*_आज अश्विनी नक्षत्र के मंत्र “ॐअश्विनी कुमाराभ्यां नमः” का 108 बार जाप करें इससे अश्विनी नक्षत्र को बल मिलेगा।_*

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