चंडीगढ : 2 अक्तूबर : अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—जहाँ आज देश अपने दो महँ सपूतों गाँधी जी और शास्त्री जी की जयंतियों को श्रद्धावत मना रहा है और इनके सपनों के भारत का बखान कर रहा है, वहीँ देश का चौथा स्तम्भ अपनी जान बचाये जाने की गुहार लगा रहा है, ये लोकतंत्र की त्रासदी है ! आज देश में चौथा स्तम्भ ही खंडहर बनाया जा रहा है ! सच बोलने लिखने के इनाम स्वरूप पत्रकार जिन्दा जलाये जा रहे हैं या कत्ल किये जा रहे हैं ! हिफाजत की बजाए बाए खड़ा मूक दर्शक से ज्यादा अभी तक तो किसी ने देखा !
ट्राइसिटी प्रेस क्लब ने लोकतंत्र के स्तम्भ जुटे संगठनों के कंधे क्र चलने की हिमायत की है ! वरिष्ठ पत्रकार संतोष गुप्ता व् कलंब के महासचिव राजा विक्रांत शर्मा ने स्पष्ट किया कि याद रखो दुनिया को सजग करने वाले निरीह बनने वाले ही असुक्षित रहेंगे तो अवं की हिफाजत खुद खतरे में है !
देश में गत 25 सालों में मीडिया पर हो रहे अत्याचारों की कडी में 42 पत्रकार अपनी जान गवां बैठे है। जिसमें से गत एक माह में तीन पत्रकारों को मौत के घाट उतार जा चुका है । इस मुद्दे पर गहनता से अपना रूख इख्तियार करते हुये चंडीगढ प्रेस क्लब ने देशव्यापी फेडरेशन ऑफ प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया के साथ जुडकर आज सेक्टर-27 स्थित चंडीगढ प्रेस क्लब में रोष प्रदर्शन किया । पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ के करीब एक सौ से अधिक पत्रकारों ने रोष प्रदर्शन में भाग लिया और अपने डियूटी के प्रति वचनबद्वता व्यक्त करने वाले मारे गये पत्रकारों के प्रति सौहार्द व्यक्त किया । प्रदर्शन के दौरान साथी पत्रकारों ने मानव श्रृंख्ला बनाई और प्रजातंत्र में चौथे स्तंभ की महत्वता को उजागर किया । वरिष्ठ पत्रकार विपिन पब्बी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा वे और समूचा पत्रकार समुदाय प्रजातंत्र की रक्षा करने के लिये यहां एकत्रित हुआ है । उन्होंने आहवान किया कि पत्रकार समुदाय को समय पर एकजुटता दिखानी होगी और मंडराते खतरे को दूर करना होगा । नैश्नल यूनियन ऑफ जर्निलिस्टस इंडिया के वाईस प्रेजीडेंट अशोक मलिक ने कहा कि अब समय आ गया है कि पत्रकारो को अपनी सुरक्षा के लिये सजग होना होगा । जर्निलिस्टिक स्किलसेट में डयूटी के समय सुरक्षा एक अहम पहलू है और सरकार को इस दिशा में कानून व्यावस्था को प्रबंधित करने के लिये इस पर गहनता से विचार करना होगा । चंडीगढ पंजाब जर्निलिस्ट्स यूनियन के अध्यक्ष विनोद कोहली ने कहा कि दो दशक पहले पत्रकारों की आवाज को सदैव से सम्मान मिलता रहा है परन्तु आज समय यह है कि उसी आवाज को दबाने के प्रयास में पत्रकारों का कत्ल किया जा रहा है जो कि निन्दायोग्य है । चंडीगढ जर्निलिस्ट ऐसोसियेशन के अध्यक्ष अवतार सिंह ने अपने सम्बोधन में बल दिया कि अकसर पत्रकारों को रिपार्टिंग प्रभावित करने के लिये अदालती मामलों का सामना करने के लिये झोंक दिया जाता है जिससे की उनका मनोबल गिराया जा सके । चंडीगढ प्रेस कल्ब के सीनियर वाईस प्रेजीडेंट सौरभ दुग्गल ने कहा यह दुखद है कि आम आदमी को भी सरकार की निष्क्रियता पर फेसबुक पोस्ट पंसद करने के लिये जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया जाता है परन्तु पत्रकारों के हत्यारे खुलेआम घूमते हैं । प्रेस कल्ब के अध्यक्ष जसवंत राणा ने कहा कि यह आवश्यक है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये जबकि कल्ब के महासचिव बरिन्दर रावत ने कहा कि यह पत्रकारिता की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर प्रहार है । वरिष्ठ फोटोजर्निलिस्ट स्वदेश तलवार ने कहा कि प्रेस का इन हमलो के विरूद्व एकजुट होना होगा । उन्होंने कहा कि हमें यह बात मान लेनी चाहिये की यह हमले अभी ओर अधिक बढेंगें और इसका एक ही समाधान हमारी एकजुटता है । पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष जगतार सिंह ने कहा कि पत्रकारों को खामोश रहने के लिये कहा जाता है । संगठन अपने स्टाफ का समर्थन नहीं करता है और पत्रकार की पुकार की अनदेखी की जाती है । पंचकुला में पत्रकारो हुये हमले का हवाला देते हुये कहा कि इस समुदाय को अपनी एकता दिखानी होगी। प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बलविन्दर जम्मू ने कहा कि वर्ष 2015 में दिल्ली प्रेस कल्ब ने अपनी एक बैठक में फेडरेशन ऑफ प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया का गठन किया था तथा उसी साल भूमि घोटाले से संबंधित पांच कत्ल हुये । इसी कडी में इस फेडरेशन का गठन हुआ था । उन्होंने कहा कि सत्तर हजार से चालीस हजार पत्रकारों को ही रेगूलर किया गया है जिससे की अब जर्निलिस्ट प्रोटैक्शन एक्ट की मांग उठती रही है । सौरभ दुग्गल ने कहा कि चंडीगढ प्रेस कल्ब के निश्चय किया है कि वह दिल्ली में आयोजित होने 5 अक्तूबर को देशव्यापी अंदोलन में हिस्सा लेगी । पत्रकारों को सचेत करते हुये प्रेस कल्ब की पूर्व अध्यक्षा नानकी हंस ने कहा कि यह समस्या बहुत विकराल है । मीडिया को मोनोप्लाईज्ड किया जा रहा है तथा राजनैतिक दवाब में पत्रकारिता की निष्पक्षता को भी खत्म किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि यह समास्या इतना विकराल रूप ले है कि मीडिया का विभाजन भी स्वाभाविक माना जा रहा है । प्रेस क्लब की पूर्व सचिव रंजू ऐरी ने अपने सम्बोधन कहा कि एडिटर्स गिल्ड को भी ओर अधिक सतर्क होने की आवश्यकता है । सुरक्षा पत्रकारों के लिये अहम मुददा रहा है और इसी कडी में पत्रकारों के भत्तों में भी इजाफे की जरूरत है । इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन रोय ने चिंता व्यक्त की पत्रकार के बच्चे भी अपने पिता व मां की व्याव्साय से कन्नी काट रहे हैं और अपने कैरियर के अन्य विकल्पों को चुनाव कर रहे हैं । एक माह में सौ पत्रकारों को धमकीः गत एक माह में एक सौ से भी अधिक पत्रकारों को धमकी मिलती रही है । पिछले एक सप्ताह में चंडीगढ स्थित अखबारों और चैनलों को धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं । पत्रकारों ने हरियाणा सरकार के रवैये की निंदा, कहा दावों की भरपाई में हो रही है देरी 25 अगस्त को डेरा प्रकरण से उबरी हिंसा में पत्रकारों की जलाई गाडियों के लेकर होने वाले दावों की भरपाई में हो रही देरी में पत्रकारों ने सरकार की कडी आलोचना की है । कल्ब के उपाध्यक्ष रजिन्दर नगरकोटि ने कहा कि सरकार ने वायदा किया था कि एक सप्ताह के भीतर दावों का भुगतान हो जायेेगें परन्तु एक माह होने के बाद भी इस दिशा में महत्वपूर्ण सूची भी नहीं बनाई गई है । उन्होनंे कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की आठ सदस्य समीति गठित की जा चुकी है जो कि सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेगी । उन्होंने चेताया कि सरकार की इस धीमी कार्यवाही देखते हुये कल्ब जल्द ही पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय का रूख कर रहा है ।