_मां कात्यायनी: नवरात्रि के छठे दिन कब करें देवी पूजन, जानिए विधि, मंत्र एवं प्रसाद:–पंडित कृष्ण मेहता  

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चंडीगढ़:- 11 अक्टूबर:- आरके विक्रमा शर्मा+करण शर्मा प्रस्तुति:— मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी। शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त आज दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है। कात्यायनी माता का व्रत और उनकी पूजा करने से कुंवारी कन्याओं के विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।_*

 

🤷🏻‍♀️ *_कब करें पूजन : मां कात्यायनी की साधना का समय गोधूली काल है। इस समय में धूप, दीप, गुग्गुल से मां की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। जो भक्त माता को 5 तरह की मिठाइयों का भोग लगाकर कुंवारी कन्याओं में प्रसाद बांटते हैं माता उनकी आय में आने वाली बाधा को दूर करती हैं और व्यक्ति अपनी मेहनत और योग्यता के अनुसार धन अर्जित करने में सफल होता है।_*

 

*_माता कात्यायनी का चि‍त्र या यंत्र सामने रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें। यदि चित्र में यंत्र उपलब्ध न हो तो देवी माता दुर्गाजी का चित्र रखकर निम्न मंत्र की 51 माला नित्य जपें, मनोवांछित प्राप्ति होगी। साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी।_*

 

🗣️ *_मंत्र- ‘ॐ ह्रीं नम:।।’_*

 

*_चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।_*

 

*_कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।_*

 

*_मंत्र- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥_*

 

👉🏼 *_कैसे करें पूजन-_*

 

*_गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए।_*

 

*_इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है।_*

 

*_मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी।_*

 

*_इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें।_*

 

🍱 *_देवी का भोग- कात्यायनी की साधना एवं भक्ति करने वालों को मां की प्रसन्नता के लिए शहद युक्त पान अर्पित करना चाहिए। या फिर शहद का अलग से भोग भी लगा सकते हैं।_*

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