चंडीगढ़/पटना :-7 अक्टूबर :-आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा प्रस्तुति:–समाज की रीढ़ व्यवसायिक समाज जाति, धर्म, राजनीतिक दलों के बंधनों को तोड़ कर एकजुट हों; यह हुंकार राजा चौधरी ने देश हित में भरते हुए समाज को मौजूदा परिस्थितियों से समझदारी से भाईचारे से और बहुत ही दूरदर्शिता भरी मिलनसारता से निपटने का आह्वान किया। एनडीए के वरिष्ठ नेता एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा चौधरी अपने गृह क्षेत्र पटना सिटी के शिशा व्यवसायी राजकुमार जायसवाल (राजू) के निर्मम हत्याकांड से काफी मर्माहत और दुखी हैं। उन्होंने आज प्रेस नोट जारी कर व्यवसायिक समाज के लोगों से एकजुट होने की अपील की है। चौधरी ने कहा है कि समाज की रीढ़ व्यवसायिक समाज के लोग जाति-धर्म के कुरीतियों और राजनीतिक दलों के बंधनों से मुक्त होकर स्वयं को एकत्रित करे, तभी व्यवसायिक समाज के लोगों के हितों की रक्षा संभव है। आज समय आ चुका है कि व्यवसायिक वर्ग के लोग खुद को स्वतंत्र रूप से एकत्रित कर एक नए ताकतवर समाज की रचना करें। आज के कर्म प्रधान समय में व्यवसायिक समाज का जाति और धर्म सिर्फ रोजगार एवं व्यवसाय होना चाहिए। व्यवसाय समाज ही समाज की रीढ़ है, वही रोजगार पैदा कर पैसा कमा कर सरकार को देती है और सरकार उस पैसे को सुचारू ढंग से व्यवस्थित कर समाज कल्याण तथा विकास का कार्य करती है। परंतु आज व्यवसायिक समाज के लोग अपराधियों के लिए सॉफ्ट टारगेट हो गए हैं। अपराधी व्यवसायिक समाज का लगातार दोहन, शोषण तथा उनके विरुद्ध बड़े-बड़े अपराध कर रहे हैं। आये दिन हत्या और लूट जैसे जघन्य अपराधिक घटनाओं में ज्यादातर पीड़ित व्यवसायिक वर्ग के ही रहते हैं। इसका मुख्य कारण है व्यावसायिक वर्ग का आपस में एकजुटता एवं समन्वय का अभाव। सबसे पहले तो व्यवसायिक वर्ग जाति, धर्म के बंधन से खुद को मुक्त कर सिर्फ एक व्यवसायिक ही माने। दूसरा व्यवसायिक वर्ग के पैसों से वैसे सैकड़ों संगठन जो अपनी अपनी दुकानदारी चलाने में लगे हैं, उन सभी संगठनों में भी आपस में तालमेल और समन्वय का घोर अभाव है। सभी अपने आप को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं, एक दूसरे की जड़े काटने में व्यस्त रहते हैं और यही व्यवसायिक समाज को कमजोर कर रहा है।
अतः अगर व्यवसायिक समाज को एकजुट होना है तो उनको सबसे पहले जाति और धर्म के बंधनों से मुक्त होना होगा और उसके बाद राजनीतिक दलों के सामाजिक बंधनों से भी खुद को दूर रखना होगा। जब सभी व्यवसायिक वर्ग खुद को स्वतंत्र रूप से चिन्हित करेंगे, तब व्यवसायिक वर्ग में एकजुटता होगी और तभी व्यवसायिक वर्ग मजबूत होगा। उसके बाद ही व्यवसायिक वर्ग के लोगों को राजनीतिक पहचान भी मिलेगी क्योंकि राजनीतिक पहचान सिर्फ उसी वर्ग को मिलती है जो एकजुट और एकमत रहते हैं। इतने अत्याचारों के बाद भी आज अगर व्यवसायिक समाज एकमत और एकजुट नहीं हुआ तो समाज की रीढ़ व्यवसायिक समाज और कमजोर होता जाएगा तथा सर्व समाज में एक बिखराव और अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार को भी व्यवसायिक समाज के लोगों की हितों की रक्षा और उनकी सुरक्षा की फुलप्रूफ व्यवस्था करनी होगी।
चौधरी ने राजू जायसवाल हत्याकांड के सिलसिले में सभी राजनीतिक दलों के व्यवसायिक नेताओं और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल के साथ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से संपर्क कर उनसे इस हत्याकांड के उदभेदन और बिहार सभी व्यवसायियों के सुरक्षा के लिए निजी तौर पर ध्यान देने का आग्रह किया है। उपमुख्यमंत्री ने 8 अक्टूबर को पीड़ित के परिवार से स्वयं मिलकर उनकी समस्या और बिहार के सभी व्यवसायियों के परेशानियों पर निजी तौर पर ध्यान देने और समुचित समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।