चंडीगढ़ 3 अक्टूबर आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा:— विश्वास भले ही खाना पूर्ति के लिए विश्व प्रकृति दिवस अपने अपने ढंग से अपने अपने स्तर पर मना रहा है पर वास्तविक सच्चाई यही है कि कोविड-19 ने हम सभी को धर्म के कर्म से जोड़ दिया है की पर्यावरण की हिफाजत कीजिए घर खुद भी जिंदा रहना है और आने वाली नस्लों को जिंदा रखना है प्राकृतिक संसाधनों का कभी भी कोटा खत्म नहीं होता है भले ही यह बात सत्य है लेकिन महामारी आने आदमी की धन लोलुपता का नंगा रूप सबके सामने लाकर रख दिया है कि प्रकृति से छेड़छाड़ करोगे तो एक-एक करके नहीं बल्कि लाखों में मरोगे पिछले 2 वर्षों में यह कहावत खुद ब खुद चरितार्थ होती हर किसी ने देखी है और आगे भी देखेगा अगर हम आज भी सचेत नहीं हुए जागृत नहीं हुए पर्यावरण के संरक्षक नहीं बने तो अकाल मृत्यु सब की प्रतीक्षा कुछ ही कदम दूर खड़ी कर रही है। अल्फा न्यूज़ इंडिया ने भी सभी पर्यावरण चित्रों सहित जिंदा रहने वाले इंसानों से गुहार लगाई है कि अपने अपने परिवार के नाम एक-एक पौधा जुहू यह वह और धरा मिले जहां कहां जरूर लगाएं और दूसरों को भी लगाने के लिए एक पौधा प्रेरित करें एक पौधा लगाने का मतलब एक जिंदगी का जीवन पालने तुल्य है।