- भंसाली पद्मावती की आदर्श भूमिका के हितैषी या दोषी
- चंडीगढ़ ; 10 नवम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा / अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;– आजकल प्रसिद्ध हस्तियों विशेषकर राजाओं महाराजों राजनीतिज्ञों और खिलाडियों सुनहरे पर्दे की हस्तियों आदि को लेकर फ़िल्में बनाने का रिवाज खूब चल कामयाबी का मुंह भी चूम रहा है ! संजय लीला भंसाली ने पहले हिट रही फिल्म ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले विषय पर ‘बाजीराव मस्तानी’ बनाई । लेकिन न जाने क्यों इस की भी डटकर खिलाफत हुई ! जब फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाबी के पायदान चढ़ने लगी तो विरोध करने वाले युवा भी फिल्म एन्जॉय करते रहे ! सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सुको उक्त मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकता ! तर्कपूर्ण तथ्य तो ये है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) अभी तक इसके प्रमाणन पर फैसला नहीं ले पाया । भले ही भंसाली ने पद्मावती रानी के चरित्र के हर पहलु को उजागर करने में खूब मुशाकत की ! और दीपिका पादुकोणे ने गोलियों की रासलीला फिल्म की तरह उक्त पद्मावती फिल्म में भी खूब पसीना बहाया और इक शानदार ढंग से सशक्त भूमिका को निभाया ! भंसाली को दोनों बार विरोध क्यों सहना पड़ा और राजस्थान में तो पद्मावती के शूटिंग्स सेट्स पर पद्मावती के हितैषियों ने भंसाली के गिरेबां तक हाथ बढ़ाये ! हताश और असुरक्षित दशा में भंसाली ने फिल्म शूटिंग्स फिर मुंबई में ही पूरी की ! भंसाली के अनुसार खिलजी और परदमावती का आपस में कोई सीन आमने सामने वाला नहीं है ! सवाल ये है कि पक्ष विपक्ष खुद को श्रेष्ठ बना रहा है ! ये सच भी होगा कि पद्मावती के हितेषियों को ुक के बारे ऐ बी सी भी नामलूम होगी ! फिल्मों के रसिया से जब पूछा कि पद्मावती और खिलजी की क्या कहानी थी ! जवाब आया जो आजकल के युवा युवतियां आम चाहती हैं ! राजपूत विरादरी के एक शिक्षित युवक के मुताबिक अकबर ने जोधा बाई को अपनी प्रमुख रानी बनाया था इसी तरह अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती के साथ निकाह करके राजपुताना शक्ति के आगे अप्रत्यक्ष रूप से हथियार फेंकना चाहता था ! यानि की विलासी था और नारी शक्ति की कदर और अपना हश्र नहीं जानता होगा ! और तो और 90 % देशवासियों को रानी पद्मावती के बारे कुछ मालूम होगा हो ही नहीं सकता ! भंसाली ने तो धुल फांक रहे और अनदेखी होकर रह चुकी रानी पद्मावती को फिल्म के जरिये सब के सामने लाना का भगीरथी कामयाब प्रयास किया ! और फिल्म पहली दिसम्बर को रिलीज होगी ! कोर्ट का भय भी गया ! फिल्म में हर अभिनेता अभिनेत्री ने खूब जमकर अपने रोलों की रातदिन एक कर दिए थे ! वैसे भी भंसाली सेट पर सिर्फ और सिर्फ डायरेक्टर के सिवा नहीं होते हैं ! बायोपिक मूवी बनाने में भंसाली परिपक्क कहे जा सकते हैं! दूरदर्शी निर्देशक कभी भी बेसिर पेअर की उबाऊ फिल्म नहीं परोसेगा ! और फिल्मों के रिलीज से पहले उठे विद्रोह बगावत के तेवरों ने उन फिल्मों को खूब कामयाबियां दीं ! ऐसी फिल्मों की लबी फेहरिस्त है जिन फिल्मों का विरोध हुए और वही सुपरडुपर होने वाली फिल्मों हुईं ! शाहिद कपूर ने महाराजा रावल रतनसिंह और इस फिल्म में रणवीर सिंह आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी का किरदार निभा रहे हैं ! दीपिका पादुकोणे ने रानी पद्मावती राजपुताना की आन बान व् शान के रोल को बखूबी निभाया ऐसा दीपिका का ब्यान है ! बकौल भंसाली फिल्म में मुस्लिम राजा और राजपुताना रानी का आपस में कभी कहीं कोई सामना तक होता ही नहीं है !
कहीं यह कोई फिल्म हिट करने का ओछा शगूफा ही तो नहीं है ! या कामयाब फिल्म को जानबूझ कर बाधाओं में घसीटना तो नहीं है ! अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;– सब कुछ फिल्म की कामयाबी में मील के पत्थर साबित होंगे ! क्या पक्ष क्या विपक्ष फिल्म की पब्सिटी तो हो रही है ! ये विवाद ही तो दर्शकों की तादाद बढ़ाएगी और फिल्म को टिकट खिड़की की कामयाबी का स्वाद देगी !