मूल चक्र के ज्ञान से पा सकते हैं सदैव निरोगी काया :- पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:- 3 सितंबर:-अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:– मूलाधार चक्र इस शब्द से तकरीबन अधिकतम लोग अनभिज्ञ है और अगर इसका 1% भी ज्ञान या जानकारी प्राप्त हो जाए तो शरीर स्वास्थ्य का पर्याय हो जाए इसीलिए अति महत्वपूर्ण स्वास्थ्य वर्धक जानकारी जाने-माने ज्योतिषी और पंडित कृष्ण मेहता द्वारा अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से लाखों सुधी पाठकों तक प्रस्तुत की जा रही है।

चक्रो में सबसे पहले मूलाधार चक्र का आता है मूलाधार चक्र के खराब होने से मुख्यता प्रोस्टेट,गठिया,वेरिकोज वेन,कूल्हे की समस्या,घुटनों में समस्या,खाना अच्छा न लगना,लूज मोशन या कब्ज की समस्या,बवासीर आदि है।

 

दूसरा चक्र है सेक्रल चक्र।

सक्रेल चक्र के खराब होने से निम्न बीमारी होती है। हर्निया,आतों की दिक्कत,महिलाओं में मासिक धर्म,खून की कमी,नपुंसकता,गुर्दे की समस्या,मूत्र संबंधि रोग आदि।

 

तीसरा चक्र है मणिपुर चक्र।

मणिपुर चक्र के खराब होने से निम्न बीमारी होती है। लीवर सिरोसिस,फैटी लीवर,शुगर,किडनी संबंधित समस्या,पाचन संबंधी समस्या,पेट में गैस,अल्सर आदि।

 

चौथा चक्र है हार्ट चक्र।

हार्ट चक्र के खराब होने से ह्रदय की बीमारी,बी पी हाई या लौ होना,लंग्स में दिक्कत,स्तन कैंसर,छाती में दर्द, रक्षाप्रणाली में विकार आदि।

 

पांचवा चक्र है थ्रोट चक्र।

थ्रोट चक्र के खराब होने से मुख्यतः निम्न बीमारी होती है।

थ्योरोइड,जुकाम,बुखार,मुँह,जबड़ा,जिव्हा,कंधा और गर्दन,हार्मोन राजोवृति आदि।

 

छटा चक्र है थर्ड ऑय।

चक्र थर्ड ऑय चक्र के खराब होने से निम्न बीमारी होती हैं।

आँख,कान,नाक हार्मोन्स की प्रोब्लम,सिर दर्द,अनिंद्रा, आधे सिर में दर्द आदि।

 

सातवाँ चक्र है क्राउन चक्र

क्राउन चक्र के खराब होने से निम्न बीमारी होती है। मानसिक रोग,नाडी रोग,मिर्गी,अधरंग,लकवा,सिर दर्द, हाथ पैरों का सुन्न होना।

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