जाहरवीर गुग्गा महाराज का गुग्गा नौवीं दरबार, मन्नतें मांगने नतमस्तक हुए बेशुमार

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पंचकूला : 31 सितंबर:–हरीश शर्मा करण शर्मा:–23 अगस्त को भाई बहन का अटूट पवित्र बंधन त्यौहार रक्षाबंधन देशभर में ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया में जहां जहां इस रिश्ते की कदर करने वाला समाज है, वहां वहां उत्साह विश्वास अपनेपन और रिश्ते की गरिमा पराकाष्ठा को बनाए रखने के लिए धर्मवत मनाया गया।

भारतीय धार्मिक परम्परा के प्रचलन में स्थानीय सेक्टर- 11 के छोटा हरिपुर में गुग्गा दरबार में जाहरवीर गुग्गा महाराज के समक्ष भक्तजनों ने नतमस्तक होकर पूजार्चना की व आशीर्वाद लिया।।

  • इस अवसर पर जाहरवीर गुग्गा महाराज दरबार के पुजारी अमरीक ने बताया कि गुग्गा महाराज का यहाँ पर हर वर्ष की भाँति गोगा नवमी के पूजनीय अवसर पर दरबार सजाया जाता है। जहां हर धर्म के भक्तजन अपनी अपनी मनोकामनाओं के लिए व ग्राम देवता की पूजा के लिए गुग्गा दरबार में नतमस्तक होकर लंबी करतारों में लग कर अपने देवता का दीदार करते हैं।  भक्तजन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के पश्चात यहाँ पर रोट, स्वाइयां एवं पूजार्चना के साथ भोग प्रसाद भी चढ़ाते हैं। मीठा रोट के साथ धूने का प्रसाद भक्तों व आस्था बानो की झोली में डाला जाता है।
    भक्त अमरिक सिंह जी ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को और जानकारी यहां के बारे में देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार से जाहरवीर गुग्गा महाराज के भक्तों ने माँग की है कि इस दरबार को यथावत स्थान दिया जाए। प्रदेश में जैसे बाकी धर्मों संप्रदायों कमान सत्कार करते हुए उनकी महिमा उनके गरिमा और पराकाष्ठा को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने सरकारी भूमि आवंटित की है उसी प्रकार जिला पंचकूला के सेक्टर 11 में स्थित इस स्थान को भी सरकारी भूमि आवंटित की जाए ताकि यह पुष्पों से स्थापित गोगा जी महाराज की मेडी यथावत बनी रहे जो जिला के ही नहीं दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों की श्रद्धा आस्था का केंद्र बिंदु है। इस मौके पर समाज की सेवा और धर्म की पालना में अक्षुण्ण निस्वार्थ भाव से कार्यरत पंडित रामकृष्ण शर्मा ने गोगा जी महाराज के दरबार में गोगा नवमी के अवसर पर हाजिरी भरते हुए चरणो में वंदना करते हुए बताया कि जाहरवीर गोगाजी सभी धर्म संप्रदाय और मतों में संपूर्ण रूप से सर्वमान्य देवता हैं। मुसलमान इन्हें अपना पीर मानते हैं। तो हिंदू समाज इन्हें अपना देवता मानता है। पूरी दुनिया में यही एकमात्र गोगा जी महाराज हैं। जिन्हें दोनों मत अपने अपने इष्ट के रूप में पूजते हैं। इसीलिए समाज की 36 बिरादरियों का भी मानना है कि गोगा जी महाराज के लिए स्थान अनिवार्य रूप से सरकार को आवंटित करना चाहिए। इस सम्प्रदाय की किसी भी तरह से अनदेखी नहीं होनी चाहिए। धर्मनिरपेक्ष धरती पर गोगा जी महाराज भी संपूर्ण रूप से सम्मान और पूजा अर्चना के सही सुपात्र हैं।

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