श्री कृष्णा जन्माष्टमी के दुर्लभ योग पर करें पूजा अर्चना मिलेगा बेअथाह पुण्य फल:– पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:–28 अगस्त:–आर के विक्रम शर्मा+करण शर्मा प्रस्तुति:—श्रीकृष्‍ण जन्माष्टमी का महोत्सव हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद की कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार कब मनाया जाएगा, क्योंकि कुछ लोग 29 और बहुत से लोग 30 अगस्त को कृष्‍ण जन्माष्टमी मनाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में व्रत का प्रारंभ और पारण क्या होगा? आओ जानते हैं पंडित कृष्ण मेहता से कि सचाई क्या है।_*

 

*_श्री कृष्‍ण जन्मामहोत्सव पर इस बार बन रहा है दुर्लभ  योग, इस मुहूर्त में करें पूजा तो मिलेगा लाभ_*

 

*_प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल 30 अगस्त को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाएगा। आओ जानते हैं कि इस बार दुर्लभ योग बन रहे हैं।_*

 

🤷🏻‍♀️ *_1. 29 अगस्त को रात 11.24:38 पर अष्टमी प्रारंभ हो होगी जो 30 अगस्त की आधी रात के बाद 1:59:02 तक रहेगी।_*

 

👉🏼 *_2. इसी दिन 15 साल के बाद अष्टमी तिथि के दिन शाम 6.37 बजे रोहिणी नक्षत्र लग रहा है। श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र में ही हुआ था। पूरे देश में एक ही दिन अष्टमी मनाई जाएगी। 30 अगस्त को रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा। दिन सोमवार रहेगा। यह दुलर्भ संयोग है।_*

 

🤷🏻‍♀️ *_3महोत्सव  श्रीकृष्ण का जन्म भादौ मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृष राशि में जयंती योग में हुआ था। इस साल जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है। दरअसल यह बहुत ही दुर्लभ योग है। रोहिणी नक्षत्र का प्रारंभ सुबह 0 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन सुबह 09 बजकर 43 मिनट तक है।_*

 

*_4. इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग 30 अगस्त को प्रात: 06 बजकर 39 मिनट से 31 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही जन्माष्टमी की प्रात: 07 बजकर 48 मिनट से हर्षण योग शुरू हो जाएगा।_*

 

*_5. पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक है।_*

 

👉🏼 *_6. इस दुर्लभ योग में शुभ मुहूर्त में करें भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत करें पूजा तो मिलेगा अपार लाभ और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।_*

 

🤷🏻‍♀️ *_कब मनाया जाएगा पर्व : भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्त 2021 रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। इस मान से कई लोग यह मान रहे हैं कि रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाए। परंतु ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यह उचित नहीं है। तिथि की शुरुआत भले ही 29 तारीख को हो रही है परंतु इस तिथि का समापन 30 अगस्त दिन सोमवार को देर रात 01 बजकर 59 मिनट पर होगा। मतलब यह कि 30 अगस्त को रात्रि में जन्माष्‍टमी का पर्व मनाया जाएगा।_*

 

*_दरअसल, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त निकल गए और 8वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में उन्होंने जन्म लिया था। अत: 29 तारीख के प्रथम मुहूर्त में जन्मोत्सव नहीं मनाया जा सकता। जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में उनका जन्म हुआ था। ज्योतिषियों के अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।_*

 

*_पारण का समय : भगवान श्रीकृष्ण जन्म रात्रि में हुआ था और व्रत के लिए उदया तिथि मान्य है, ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व 30 अगस्त को रहेगा और दिनभर व्रत रख सकते हैं। इस स्थिति में आप 31 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 44 मिनट के बाद पारण कर सकते हैं क्योंकि इस समय ही रोहिणी नक्षत्र का समापन होगा।_*

 

 

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