सिटी पीसफुल बनेगी दहकती राजनीती की रणभूमि, शत्रु धवन घंटों रहे अकेले गुफ्तगू में मग्न

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सिटी पीसफुल बनेगी दहकती राजनीती की रणभूमि, शत्रु धवन घंटों रहे अकेले गुफ्तगू में मग्न चंडीगढ़ : 08 दिसम्बर ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—- अब लगभग यह तय हो गया है कि देश की राजनीति में चंडीगढ़ से ही भू-चाल उठने वाला है। शुक्रवार को पटना साहिब के सांसद फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सीधे पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन की कोठी नम्बर 230 पर पहुंचे। इसके बाद यहाँ बंद कमरे में धवन और सिन्हा के बीच करीब दो घण्टे तक देश की भविष्य व वर्तमान राजनीति के बारे में गम्भीरता से चर्चा की गई। बताया जाता है कि इस दौरान काफी मुखर चल रहे भाजपा के बड़े नेता यशवंत सिन्हा से भी कई बार बीच-बीच में फोन पर आगे की राजनीति पर बातचीत की गई। चौकाने वाली बात है कि इस दौरान दोनों के बीच वार्तालाप चल रहे कमरे के आसपास किसी को भी फटकने नहीं दिया गया। यहाँ तक की घर के सदस्यों को भी। हालांकि बेहद गुप्त मीटिंग के बाद धवन के पारिवारिक सदस्यों के साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने खाना खाया और यहाँ से लुधियाना के लिए रवाना हो गए। सिन्हा के इस दौरे के बाद से शहर और पार्टी के अंदर जबरदस्त राजनीतिक हलचल पैदा हो गई है। 
 सूत्रों के अनुसार स्थानीय प्रेस क्लब में आज यानी 8 दिसम्बर 2019 को आयोजित कार्यक्रम मीट द प्रेस स्थगित होने के बावजूद शत्रुघ्न सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन की कोठी पर पहुंचे। इसके कुछ देर बाद दोनों नेताओं के बीच पार्टी के अंदर चल रहे उथल-पुथल और आगे की राजनीति पर चर्चा की गई। इसके अलावा देश भर की राजनीतिक घटनाक्रमों, समीकरणों और संभावनाओं पर भी मंथन हुआ।


सूत्रों के अनुसार दोनों ही आक्रामक नेताओं ने यशवंत सिन्हा द्वारा उठाये गये खासकर जीएसटी, नोटबंदी, महाराष्ट्र किसान आंदोलन, गुजरात चुनाव की स्थिति, पार्टी के अंदर बड़े बड़े नेताओं की हो रही फजीहत सहित विपक्ष व अन्य कई मसलों पर भी काफी देर तक बातचीत की गई। 
सूत्रों से मिल रही जानकारी को सही मानें तो चर्चा के अंत में स्थानीय भाजपा में चल रहे शह और मात के अलावा पार्टी में नेताओं की हो रही बेइज्जती पर भी बातचीत की गई। सूत्रों ने दावा किया है कि इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन ने शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा को आश्वस्त किया कि उनके साथ कदम से कदम मिलाकर साथ रहेंगे और चलेंगे। धवन ने जोर देकर सिन्हा से कहा है कि किसी भी सूरत में उन्हें उनसे कोई अलग नहीं कर सकता। आपस में 30 साल की दोस्ती को पूरी तरह से निभाएंगे।
ध्यान रहे कि यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा अपनी ही पार्टी से आजकल नाराज चल रहे हैं। दोनों ही नेता कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं, जब मोदी, अमित शाह और अरूण जेटली को न घेर रहे हों। इस प्रकार से अब यह तय हो गया है कि चंडीगढ़ से देश की राजनीति में भूचाल आने वाला है।

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