चंडीगढ़:- 14 अगस्त:- आरके विक्रमा शर्मा:– एक बार फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपने बैंक उपभोक्ताओं को पूरी तरह से सावधान करते हुए चौकन्ना रहने की ताकीद कर रहा है। वक्त बुरा आ चुका है। जमाना बुरा हो चुका है। बेईमानी धोखाधड़ी लूटपाट युवाओं के जेहन में रातों-रात अमीर बनने के ख्वाबों का आधार लिए हुए हैं।
इसीलिए आरबीआई टाइम टू टाइम अपने तमाम उपभोक्ताओं को सावधानी बरतने की सलाह देता है। छोटी-छोटी बातों पर गौर करने की मशवरा दे कर सब की जेबों को सुरक्षित रखने का भरसक प्रयास करता है आरबीआई ने अपने उपभोक्ताओं को कहा है कि अपने बैंक डिटेल्स उदाहरण क्या पिन, सीवीवी और ओटीपी आदि कभी भी किसी से भी किसी भी सूरते हाल में शेयर ना करें। क्योंकि धोखाधड़ी करने वाले शातिर लोगों ने धोखाधड़ी के नए-नए मंसूबे पालें हैं। नए-नए तरीके आजाद किए हैं। आजकल बैंक धोखाधड़ी करने वाले टोल फ्री नंबर ओं का सहारा ले रहे हैं। जैसे कि 1800 123 1234 ऐसे ही कुछ ऐसे मेल खाते नंबर हासिल करके सीधे-साधे अनजान बैंक उपभोक्ताओं की जेबों पर खुलेआम डाके डाल रहे हैं। शर्म व हैरत की बात तो यह है कि साइबर क्राइम को नाथने वाली पुलिस या सरकारी तंत्र लगभग पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। और इससे भी घटिया बात यह है कि जब कोई पीड़ित उपभोक्ता साइबर क्राइम में अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत लेकर जाता है। तो यहां के अधिकारी उन्हें बड़ी बेशर्मी से भगा देते हैं। और अपनी ड्यूटी करने में कोताही बरतते हैं। जिससे कि बैंक उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी करने वालों के मनोबल में भारी इजाफा होता है। और कहीं ना कहीं भुक्तभोगियों की यह बात भी दमदार लगती है के अंदर खाते पुलिस भी तो इन्हीं का साथ दे रही है। नहीं तो किसी की क्या मजाल है कि कोई भारत जैसे सशक्त लोकतंत्र में खुलेआम उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डालने की हिमाकत करें।।।