तुरई यानी लौकी बरसात के मौसम की सबसे बेहतरीन सस्ती और उपचारक सब्जी

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जयपुर:–02 अगस्त:- एडवोकेट विनीता शर्मा अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:– मौसमी सब्जियों का सेवन हर पहलू से शरीर के सौष्ठव के लिए बहुत जरूरी है। डॉक्टर कैलाश चंद्र पाटोदा ने हल्की सी समझी जाने वाली सब्जी तुरई के अनेकों रोगों में रामबाण फायदों की जानकारी उपलब्ध करवाई है।। और तुरई को सब सब्जियों की महारानी कहा है। उन्होंने कहा है कि तुरई खाने वाले की शुगर नियंत्रित रहती है। और फूलगोभी में भी शुगर को कंट्रोल करने के तत्व पाए जाते हैं।।

 

तुरई की सब्जी से सभी लोग परिचित होंगे लेकिन ये सब्जी गर्मी से लड़ने और रक्त की मात्रा बनाये रखने के लिए भगवान का दिया सबसे बड़ा वरदान है, शायद कम लोग ही जानते होंगे।

लीवर कमज़ोर हो तो इसके कई साइड इफेक्ट्स होते हैं,

जैसे एनीमिया, स्किन प्रॉब्लम्स, पीलिया, आंखों में दिक्कत। लेकिन तोरी इसके लिए किसी रामबाण से कम नहीं।

 

लगातार तुरई खाने से हमारे शरीर में रक्त की कमी से लेकर गैस, सांस, बालों का सफ़ेद होना और आँखों की समस्याएं हमेशा के लिए खत्म हो सकती है। इन सब बीमारियों के अलावा इसे खाने से मस्से भी ठीक हो जाते हैं। तोरई में विटामिन सी, जिंक, आयरन, राइबोफ्लेविन, मैग्नीशियम, थायमिन, फॉस्फोरस और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

 

तुरई या तोरी (नेनुआ) एक ऐसी सब्जी है जिसे लगभग संपूर्ण भारत में उगाई जाता है।

 

तुरई का वानस्पतिक नाम लुफ्फा एक्युटेंगुला है।

 

तुरई को आदिवासी विभिन्न रोगों के उपचार के लिए उपयोग में लाते हैं। मध्यभारत के आदिवासी इसे सब्जी के तौर पर बड़े चाव से खाते हैं और हर्बल जानकार इसे कई नुस्खों में प्रयोग भी करते हैं।

 

*लीवर के लिए गुणकारी :-*

आदिवासी जानकारी के अनुसार लगातार तुरई का सेवन करना सेहत के लिए बेहद हितकर होता है। तुरई रक्त शुद्धिकरण के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। साथ ही यह लीवर के लिए भी गुणकारी होता है।

 

*पेट दर्द में :-*

यदि पेट में दर्द हो रहा हो तो आप तुरई की सब्जी का सेवन करें। यह पेट दर्द दूर करने का आसान उपाय है। पेट दर्द की मुख्य वजह है अपच है। तुरूई अपच को खत्म कर देती है। जो लोग लंबे समय से तोरी की सब्जी खाते हैं उन्हें कब्ज और पेट दर्द नहीं होता है।

 

*पीलिया समाप्त हो जाता है :-*

यदि किसी कारणवश पीलिया रोग हो जाए तो आप तोरी के फल के रस की कम से कम दो बूंदे रोगी के नाक में डालें। इस उपाय से नाक से पीले रंग का पदार्थ बाहर आ जाता है और पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।

 

*पथरी निकाले :-*

पथरी को ठीक करने के लिए और इसके दर्द से बचने के लिए आप तुरई के बेल को पानी या फिर दूध के साथ घिसकर एक सप्ताह तक सेवन करें।

 

*डायबिटीज रोग में तुरई :-*

मधुमेह यानि डायबिटीज में तुरई एक कारगर औषधि का काम करती है। इसमें इंसुलीन की तरह पेपटाइडस होता है। इसलिए जो लोग शुगर से परेशान हैं वे तुरई खाएं।

देसी नुस्खे राजस्थान सीकर के आयुष विभाग के निदेशक सहायक डॉ कैलाश चंद्र पाटोदा  ने अल्फा न्यूज इंडिया के लाखों सुधी पाठकों के लिए उपलब्ध करवाए हैं।।

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