चंडीगढ़:- 24 जुलाई: अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:–संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने 10 अगस्त 2021 को रोष मार्च व धरना-प्रदर्शन का चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस दिया है।
चंडीगढ़ में धरना-प्रदर्शन के लिए धारा 144 लगाने का कड़ विरोध भी जताया है।
रोष मार्च व धरना-प्रदर्शन के बैनर व पोस्टर रिलीज किए हैं । यह तमाम तामझाम भागदौड़ और पुरजोर तैयारियां आने वाले दिनों में पूरे चंडीगढ़ के कर्मचारियों की बहुत ही मजबूत एकता के साथ चंडीगढ़ प्रशासन के प्रति रोष और सख्त विरोध धरने प्रदर्शन की ओर इशारा कर रहा हैं। दूसरी ओर इन तमाम कारगुज़ारियों को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार और उसके प्रशासनिक ब्यूरोक्रेट्स सरकारी मुलाजिमों के हितों को किस तरह पद दलित कर रहे हैं और बिल्कुल बेपरवाही का आलम चारों और अफसरशाही में व्याप्त है। मुलाजिम लंबे अरसे से त्राहि-त्राहि मच आ रहे हैं। ब्यूरोक्रेट्स खुद तो हर तरह के ऐशो आराम बुनियादी सुविधाएं इन्हीं कर्मचारियों के सीने पर मूंग दलते हुए हासिल कर लेते हैं। लेकिन मुलाजिमों के लिए किसी भी तरह की सरकारी मदद या अनुदान राशि जारी करने या खाली पड़े पदों को भरने आदि की कार्यवाही के लिए महज मूकदर्शक बन जाते हैं।।
आज शनिवार को संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की मीटिंग में 10 अगस्त 2021 के रोष मार्च व धरना-प्रदर्शन की तैयारियों में जोर शोर से चर्चा व विचार विमर्श हुआ। व धरना-प्रदर्शन के लिए धारा 144 लगाने का पुरजोर विरोध किया गया। तथा रोष मार्च व धरना-प्रदर्शन के लिए बैनर व पोस्टर रिलीज किए गए ।।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने आगामी 10 अगस्त को सवेरे 10.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक शिवालिक व्यू होटल ग्राउंड,सेक्टर 17, चंडीगढ़ में रोष मार्च करने का अग्रिम नोटिस दिया ।।
चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम,चंडीगढ़ के विभिन्न विभागों में नियमित, कांट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग की लंबित मांगें जैसे स्वीकृत पदों पर कार्य कर रहे कांट्रैक्ट /दैनिक वेतन भोगियों व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित करना,आउटसोर्सिंग कर्मचारीयों,केंद्रीय योजना कर्मी यानी एन.एच.एम,मिड डे मील वर्कर्स, आईसीसीडब्ल्यू वर्कर्स इत्यादि को समान कार्य-समान वेतन अर्थात बेसिक + डीए या डीसी दर, नियमितीकरण नीति दिनांक 13.3.15 का विस्तार कर 1.1.96 से पहले और बाद में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी/कार्य प्रभारित/कांट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित करना,जेम पोर्टल में ठेकेदारों द्वारा शोषण बंद करना, सार्वजनिक क्षेत्र जैसे बिजली विभाग, सीटीयू आदि का निजीकरण रोकना,पंजाब पैटर्न पर अनुकंपा के आधार पर नियमित नियुक्ति,पदोन्नति कोटे के रिक्त पदों को स्वीकृत पदों के अनुसार पूर्ण रूप से भरना तथा समाप्त पदों को बहाल करना,पुरानी पेंशन योजना बहाल करना,पंजाब राज्य के सभी सेवा नियमों और नीतियों को पूर्ण रूप से अपनाना,आवास योजना में सफल अभ्यर्थियों को आवास आवंटन,अधिक समय तक रुके डैपुटेशन कर्मचारियों का प्रत्यावर्तन,संविदा पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों का नियोजन न करना,रिक्त सरकारी मकानों का दैनिक वेतनभोगियों/संविदा कर्मचारियों को आवंटन,हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन का अनुदान,चंडीगढ़ में छठा वेतन आयोग व डीए लागू करना,भविष्य में विभिन्न विभागों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध संविदात्मक और आउटसोर्सिंग नौकरियों की रोकथाम या प्रतिबंध की पूर्ति के लिए यह रोष मार्च व धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है ।।
मीटिंग में कनवीनर गोपाल दत्त जोशी, सुखबीर सिंह, राजिंदर कुमार, अश्विनी कुमार, बिपिन शेर सिंह व स्टेट एक्सिक्यूटिव मेंबर्स रंजीत मिश्रा, राजिंदर कटोच, रघबीर चंद, राजिंदर सिंह, रणबीर राणा, जनार्दन यादव इत्यादि ने भाग लिया ।।
संयुक्त कर्मचारी मोर्चा ने चंडीगढ़ प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चंडीगढ़ प्रशासन ने इन मांगों पर जल्द कार्रवाई न की तो संयुक्त कर्मचारी मोर्चा द्वारा जल्द ही अगली कार्रवाई की जाएगी ।।
गोपाल दत्त जोशी, सुखबीर सिंह व राजिंदर कुमार सहित अश्विनी कुमार बलविंदर सिंह और बिपिन शेर सिंह ने संयुक्त रूप से पूरे चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारी जमात को एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ अंधेर गर्दी के खिलाफ मूकदर्शकता के खिलाफ पुरजोर आवाज उठाने के लिए एकत्रित होने का आह्वान किया है अगर प्रशासन फिर भी अपने कुंभकरण नींद से नहीं जागता है तो आगे की रणनीति का सामना करने के लिए प्रशासन खुद जिम्मेदार होगा।