11 जुलाई को सिर्फ दो जगह पर ही कुल 7187 लोगों का हुआ था नरसंहार

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चंडीगढ़/मुंबई:- 11 जुलाई:- आरके विक्रमा शर्मा/अरुण कौशिक:—- आज 11 जुलाई भारतवर्ष के लिए ही नहीं बल्कि बोस्निया के लिए भी बहुत ही दिल दहलाने वाला और मानवता को शर्मसार करने वाला काले अक्षरों में दर्ज दिन है!!

जहां भारत में आज ही के दिन 2006 में मुंबई में सीरियल बम धमाकों में बेकसूरों अनजान लोगों के शरीरों के चिथड़े उड़ा दिए गए थे। वहीं 1995 में आज के दिन बोस्निया में 7000 से भी ज्यादा लोगों का दर्दनाक नरसंहार हुआ था। यह घटना अपने आप में ही दाग हैं, मानवता पर।। आधुनिकता पर, शिक्षा पर, आज के धर्म संस्कारों पर जहां इंसान इंसान का लहू बहाना, एक धर्म की इबादत समझता है। पूजा समझता है। इसीलिए इन जघन्य अपराधों की नरसंहारों की हिंदू सिख मुसलमान जैन बौद्ध और क्रिश्चियन, ईसाई और ना जाने दुनिया के कौन कौन से धर्म सभी ने कड़े और सख्त शब्दों में निंदा की थी।। यह हादसे दिलों पर गहरा जख्म छोड़े हुए हैं। इन दोनों जगहों में कत्लेआम का शिकार हुए बेकसूर लोगों की आत्माओं की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। इन आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें। और इनके जीवन भर के गुनाहों को प्रभु क्षमा कर दें। और इन्हें अकाल मृत्यु का ग्रास बनाने वाले अपराधियों के वंशवेल को यहीं समाप्त कर दें। ताकी आगे चलकर यह नई पीढ़ियां इस तरह के नरसंहाराओं को आगे ना बढ़ा पाएं। और हजारों लाखों निर अपराधों का क्रूरता से नरसंहार ना कर पाएं।। समूची मानवता आज इन कत्लेआम ओ का शिकार होने वाले इंसानों को भावभीनी श्रद्धांजलि देती है और भविष्य में ऐसा कोई दिल दहलाने वाला नरसंहार ना हो सके इसके लिए सामाजिक परिवारिक आपसी भाईचारे का आधार स्थापित करने की भी  चेष्टा करते हुए शपथ लेता है।

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