जी हाँ लोहड़ी के लिए लकड़ी उपले रेवड़ी गचक तिल भुग्गा और न जाने जाने क्या क्या चौक चौराहों पर सजे हैं ! ये दुकानें शहर के मुख्य चौराहों पर व् सार्वजनिक स्थलों पर निगम के अफसरों और प्रशासन के बड़े अधिकारियों सहित पुलिस के जिम्मेवार और जवाबदेह कथित व्यवहार के चलते बुधवार से ही सजी हैं और शनिवार तक सजी रहेंगी ! ये चार रोजा बाजार सही मायनों में सरकारी व्यवस्था की भ्रष्ट तस्वीर पेश कर रहा है और मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत हो हमारा के नारे का जनाजा सजाने के लिए काफी है ! ये लकड़ी उपले और गुड़ रेवड़ी आदि आदि की सजी थड़ी फड़ी से सरकारी खजाने को कितना धन मिला ये तो रब्ब जाने पर इन दुकानदारों ने चार रोजों में कितने लाखों बटोरा ये जग भी बखूबी जानता है ! इस लूटखसूट के बारे में कोई मुंह खोलेगा ये भी रब्ब जाने ! सरकार को कई लाखों का फ़टका लगाने वाले ये दुकानदार बेधड़क अपनी जेबें भर रहे हैं, पर ये भी चर्चाएं सरेआम हैं कि ये दोनों हाथों से चांदी कूटने से पहले अफसरों की जेबें थून थून के भर चुके हैं ! तभी तो कोई इस और तिरछी नजर तक करने की जेहमत तक नहीं उठा रहे हैं ! चौक चौराहों पर ये थड़ी फड़ी सजने से सड़कों पर यातायात काफी प्रभावित हो रहा है !
सड़क वाहन दुर्घटनाओं के भय बने हुए हैं और ऊपर से ट्रैफिक पुलिस वाले सर्दी और सोने पर सुहागे वाली ये दुकानें पुलिस तंत्र को भी अपने पास फटकने नहीं दे रहे हैं ! निगम और प्रशासन ने समूचे शहर में खबर लिखे जाने तक कितने उक्त दुकानदारों की राजस्व हेतु शुल्क पर्चियां काटी हैं इसके लिए किसी ने कोई मुंह नहीं खोला ! और ये दुकानदार कुछ भी बताने की बजाए अगल बगल निकलना बेहतर समझते रहे !