नगर निगम शिक्षक संघ दिल्ली द्वारा टीचरों को वेतन के लिए तरसाया और तड़पाया जा रहा है ! महंगाई के दौर में टीचरों के घरों में खाने तक के लाले पड़ने सरकार के मुंह पर कालिख समान है ! महिला और पुरुष टीचरों के धरने प्रदर्शन में प्रधान गौड़ और वरिष्ठ उप प्रधान विभा सिंह और अन्य नेताओं की अगुवाई में केजरीवाल सरकार मुर्दाबाद और मोदी सरकार हायहाय के नारों से कड़कती सर्दी का सीना भी चीर डाला !अब देखना ये है कि ये गले फाड़ फाड़ चिल्लाने वाले टीचर्स बहरी और बेपरवाह सरकार को जगाने में कितने कामयाब हुए हैं ! विभा सिंह उपप्रधान ने इस बाबत बात करने पर बताया कि गर सरकार नहीं चेतती है तो आगे सटीक और प्रभावी रणनीति को बड़े स्तर पर अमली जामा पहनाया जायेगा !
शर्म और दुःख की जिक्र तो ये रहा कि कई घंटों तक चले धरने और प्रदर्शन में सर्दी में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों का कोई कुछ्सलक्षेम तक पूछने के लिए निगम और दिल्ली सहित केंद्र सरकार का कोई नेता अधिकारी तक न पहुंचा ! टीचरों के महासचिव सोलंकी रामनिवास ने कहा कि बड़े दुःख और शर्म की बात है कि जो टीचर्स देश के भावी कर्णधारों को योग्यता दे रहे हैं सबलता समर्थ्य तक देने में जुटे हैं जिम्मेवार और जवाबदेह सरकार और निगम प्रशासन आज पिछले तीन तीन महीनों से वेतन के लिए छटपटा रहे टीचरों की अनदेखी कर रहे हैं ! क्या प्रशासन और केजरीवाल और मोदी की सरकारें टीचर्स विरोधी हैं तो फिर टीचरों के लाखों परिजनों हितैषियों ने इन नेताओं को वोटें डाली हैं ?