![]()
जैसलमेर :- 23 जून:- चंद्रभान सोलंकी:— स्थानीय नगरपरिषद की सरकारी जमीन हो या पार्क अतिक्रमणो के आगोश में आकर सिकुड़ता जा रहा है। प्रशासन मौन भूमाफिया – सक्रिय है , और राजनितिक सरक्षण हावी है बेशकीमती जमीन पर गिध्दीष्टि बनाए अतिक्रमियो की नापाक हरकते दिन ब दिन बढ़ती जा रही , लेकिन अभी तक प्रशासनिक तंत्र नहीं जुटा पाया है कड़वा सच यहां है की चाहे कोई भी सरकार हो या कैसा बोर्ड हो कोई बड़ा कदम उठाने को तैयार नहीं , नेता और भूमाफियो की मौजा ही मौजा , नगरपरिषद की जमीन पर भू -माफियो और अतिक्रमियो की काली नजर से आम आदमी मायूस है।
कब्जे के साथ यूं चलता है खेल!
फिर शुरू होता है भू-माफियाओं से कब्जे को लेकर सौदा। ऎसे ही खेल मे सरकारी जमीनों पर बस रही है अवैध बस्तियां।
– सरकारी जमीन हथियाने के लिए भू-माफिया ने कई रास्ते निकाल लिए हैं।
– करोड़ो की जमीन पर कब्जा
अतिक्रमी पत्थर व पियां व् मंदिर बना कर अवैध कब्जे जमा रहे हैं। नगर परिषद की सरकारी जमीन पर हर जगह भू-माफियाओं की ओर से भारी संख्या में अतिक्रमण किए गए है। जिसके चलते सरकार की करोड़ों रूपए की भूमि अतिक्रमणकारियों के गिरफ्त में जा चुकी है। कार्यवाही ना होने से यहां अतिक्रमण संस्कृति फल फूल रही है।
भू-माफियों की ओर से यहां कब्जे कर लाखों रूपए मे भूमि बेची जा रही है। इन सब की जानकारी प्रशासन को होने के बावजूद उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।लेकिन प्रशासन कार्रवाई के बजाए आंखें मूंदे हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

