महिलाएं क्यों पहनती हैं चूड़ियां?क्या है इसका धार्मिक,वैज्ञानिक आधार व महत्व :पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़:- 21 जून: अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति:– हिंदू धर्म में महिलाएं अपने हाथों में चूड़ियां क्यों पहनती हैं। चूड़ियां पहनना सिर्फ परंपरा है या इसका कोई धार्मिक महत्व भी है। ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में कौंधते होंगे। पेश है इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए पंडित कृष्ण मेहता ने बताया की ऐसी मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं, उस घर में किसी चीज की कमी नहीं होती। घर के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

चूड़ियां पहनने की यह परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है।

हिंदू धर्म में सामान्य तौर पर चूड़ियों को सुहागिन महिला की निशानी माना जाता है। धार्मिक आधार पर ऐसा कहा जाता है कि चूड़ियां पहनने से सुहागिन के पति की उम्र लंबी होती है। सुहागिन के पति की रक्षा होती है। मान्यता है कि इससे पति-पत्नी का आपसी प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

वैदिक युग से ही चूड़ियों के प्रमाण:-

महिलाओं के हाथों में चूड़ियां उनके सुहागिन होने का प्रमाण होता है। वैदिक युग से ही महिलाएं अपने हाथों में चूड़ियां पहनती आ रही हैं। इसलिए हिन्दू देवियों की तस्वीरों और मूर्तियों में उन्हें चूड़ी पहनते हुए दिखाया जाता है। चूड़ियां पहनने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी छिपा हुआ है।

चूड़ियां पहनने के धार्मिक कारण पर पंडित कृष्ण मेहता ने कहा की:-आपको बता दें कि देवी पूजन में दुर्गा माँ को 16 शृंगार चढ़ाया जाता है।

इन सोलह शृंगार में चूड़ियां भी होती हैं। इसके साथ ही चूड़ियों को दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति भी होती हैं। बुध देव का आशीर्वाद पाने के लिए महिलाओं को हरी चूड़ियां दान में दी जाती हैं। तथा चूड़ियां पहनना महिलाओं की लिए शुभ माना जाता है क्योंकि महिलाएं देवी की प्रतीक होती है इसीलिए चूड़ियों का दान देवी को दिया जाता है।

मेहता ने बताया की चूड़ियां पहनने के केवल धार्मिक ही नही वैज्ञानिक कारण भी जाने:-

आपको जानकार हैरानी होगी कि चूड़ियां पहनने से कुछ लाभ भी होते हैं । वैज्ञानिक दृष्टि से चूड़ियां जिस धातु से बनी होती हैं उसका उसे पहनने वाली महिला के स्वास्थ्य पर अनूकूल प्रभाव पड़ता है। यानी चूड़ियां पहनने के धार्मिक महत्व के साथ उनके वैज्ञानिक फायदे भी हैं। ये फायदे इस प्रकार हैं-

-हाथों में चूड़ी पहनना सांस के रोग और दिल की बीमारी की आशंकाओं को घटाता है।

-चूड़ी पहनने से मानसिक संतुलन बना रहता है, तभी महिलाएं अपने काम को बड़े ही निष्ठा भाव से करती हैं।

-विज्ञान के अनुसार चूड़ियों का घर्षण ऊर्जा बनाए रखता है और थकान को मिटाने सहायक होता है या थकान को दूर रखता है।

-विज्ञान का मानना है कि कांच की चूड़ियों के टकराने से निकलने वाली ध्वनि से वातावरण में उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।

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