भगवा लहर पर पंजाब भाजपा लगा रही कलंक

Loading

भगवा लहर पर पंजाब भाजपा लगा रही कलंक 
अबोहर /चंडीगढ़ ; 26 जनवरी ; धर्मवीर शर्मा राजू /अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;---- भारतीय जनता पार्टी देश में सत्ता में है और देश भर के राज्यों में कांग्रेस को खत्म कर सत्ता लाने की फिराक में है। यही नहीं भाजपा एक बार फिर से 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत हासिल कर दोबारा सत्ता में आने की कोशिशों में जुटी है। देश भर में भगवा लहर का दावा किया जा रहा है लेकिन भाजपा की इस लहर पर पंजाब भाजपा की हालत किसी कलंक से कम नहीं है। देश भर में चल रही लहर पर पंजाब में आकर ब्रेक लग रही है जिसके लिए पंजाब भाजपा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी पंजाब में पूरी तरह से ठंडी पड़ गई है। पार्टी को विपक्षी दल के तौर पर बेहतर भूमिका में रहने का काफी अनुभव है लेकिन पंजाब में पार्टी विपक्ष की भूमिका भी निभा नहीं पा रही है। पंजाब में सत्ता में आए कांग्रेस को 10 माह का समय बीत गया है लेकिन भाजपा मजबूत विपक्ष नहीं दे पाई है जिस कारण पार्टी का जमीनी वर्कर पार्टी से अलग हो रहा है।
अहम मसलों पर खामोश पार्टी  पंजाब में कांग्रेस को सत्ता में आए अभी एक माह का समय हुआ था कि भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने फोटो सैशन करवा कर ज्ञापन का ड्रामा रचकर कांग्रेस के खिलाफ आरोपों का काम आरंभ कर दिया था। उसके बाद फोटो सैशन तक यह मामला आगे भी चला लेकिन जमीन पर पार्टी की गतिविधियां पूरी तरह से शून्य हो चुकी हैं। पिछले 10 महीने में पार्टी को कितने ही अवसर मिले लेकिन विपक्ष की भूमिका को उसने खुलकर नहीं निभाया। खासकर माइनिंग टैंडर से लेकर राज्य के सिंचाई मंत्री राणा गुरजीत के त्यागपत्र तक भाजपा ने कोई अहम विरोध नहीं जताया।  विरोध करने निकले तो संख्या न मिली
भारतीय जनता पार्टी देश में तो हर तरफ मजबूत होने की कोशिश में है लेकिन पंजाब में पार्टी लगातार पिछड़ रही है। पार्टी ने पंजाब में पहले विधानसभा चुनाव हारे तो लगते हाथ निकाय चुनावों में भी हार को सिर-माथे पर स्वीकार किया लेकिन एक के बाद एक हार से सबक नहीं ले रही। जो हाल पार्टी का विधानसभा चुनावों से पहले था वही हाल आज भी है और आगे भी सुधरता नहीं दिख रहा।
भाजपा के नेताओं ने सत्ता में रहते हुए जमीनी वर्कर को पूरी तरह से दरकिनार रखा जिस कारण अब विपक्ष में होते हुए भाजपा को जमीनी वर्कर नहीं मिल रहे हैं जो रोष धरनों में भीड़ जुटाने का काम कर सकें जिसके चलते पार्टी के नेताओं को कम संख्या के साथ ही काम चलाना पड़ रहा है। 16 जनवरी को पंजाब सरकार के 10 माह के कार्यकाल के पूरा होने पर असफल सरकार के विरोध में रखा रोष जताने का कार्यक्रम पंजाब भर में 1-2 जिलों को छोड़कर बाकी जगह फ्लाप रहा। 
हार से सीख नहीं ले रही पार्टी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

158859

+

Visitors