मोबाइल इस्तेमाल करती हैं…लड़कों से बातियातीं और फिर भाग जाती हैं : राज्य महिला आयोग सदस्य

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चंडीगढ़: 12 जून: अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:–महिला जाति के प्रति हो रहे अपराध को लेकर अक्सर खबरें सामने आती रहती हैं| अब इस पर एक ऐसा बयान सामने आया है| जो अधिकतर लोगों को खटक रहा है, खासकर लड़कियों को…| दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी का कहना है कि लड़कियों के मोबाइल चलाने से ही अपराध हो रहा है व और ज्यादा बढ़ रहा है|

मीना कुमारी ने कहा कि समाज को इसपर गंभीर होना होगा| लड़कियों को मोबाइल चलाने की छूट एक गंभीर विषय होना चाहिए| उन्होने कहा कि आजकल देखने में आ रहा है कि लड़कियां मोबाइल का खूब इस्तेमाल करती हैं| मोबाइल से उनकी इधर से उधर बात होती है| लड़कों से बातचीत करती हैं| लड़कों के साथ उठती बैठती हैं| और फिर मामला यहां तक पहुंच जाता है कि वह भाग जाती हैं| शादी कर लेती हैं|

मीना कुमारी ने आगे कहा, समाज को अपनी बेटियों को देखना होगा कि वो कहां जा रही हैं। किससे बात कर रही हैं| किस लड़के के साथ बैठ रही हैं। उनके मोबाइल को भी चेक करना चाहिए| मीना कुमारी ने कहा कि लड़कियों के मोबाइल चेक नहीं किये जाते| घरवालों को पता ही नहीं होता कि उनकी लड़की मोबाइल का इस्तेमाल किस प्रकार से कर रही है| फिलहाल, मीना कुमारी का मानना है कि मोबाइल फोन इस्तेमाल अपराध से कहीं न कहीं खूब जुड़ा हुआ है|

मीना कुमारी की अपील …..उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी ने अपील की है कि लड़कियों को मोबाइल न दें और अगर मोबाइल दें तो उनकी पूरी मॉनिटरिंग करें| उन्होंने कहा कि इसमें मां की बड़ी जिम्मेदारी है और आज अगर बेटियां बिगड़ गई हैं तो उसके लिए उनकी माताएं ही जिम्मेदार हैं| बता दें कि इस तरह का बयान पहली बार नहीं दिया गया है| इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की बातों को सामने रखा जा चुका है| कभी छोटे कपड़ों को लेकर तो कभी अन्य मसलों को लेकर |

अल्फा न्यूज इंडिया का भी यही आज के दौर में प्रासंगिक तर्क है कि सही मायने में देखा जाए, तो आज अपनी हिफाजत की जिम्मेदारी लड़कियों को खासकर कर जवानी की दहलीज पर कदम रखने वाली लड़कियों को खुद उठानी होगी। दूरदर्शिता से अपने आसपास के समाज पर पैनी नजर रखनी होगी। और खुद को हर प्रकार की चुनौती से लड़ने के लिए सक्षम बनाना होगा। हर कदम आज असुरक्षित है। अगर आप बेपरवाह रहेंगी तो। तो बेहतर है अपने आप को ऐसे सांचे में ढालें, जो हर चुनौती से लड़ने का दिमागी और देहिक बल दे।

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