चण्डीगढ़ : 4 जून अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:— चंडीगढ़ की राजनीति अपने वादों और दावों को लेकर जनता में गिरगिट को भी मात देने वाली सियासत समझी जाती है जनता को जिन वादों को लेकर विश्वास में लेते हैं जीतने पर उन्हीं बातों को लेकर जनता से विश्वासघात करते हैं ऐसा जनता की त्राहि-त्राहि कर रही जनता की ही दुखत दिल की पुकार है आखिर यह जनता जाए तो जाए कहां सरकार कोई भी आए जनता के जख्मों पर मलहम कोई भी नहीं लगाएगा यह अब धीरे-धीरे जनता समझ रही है हर मुद्दे को लेकर सियासत खेलना चंडीगढ़ की सियासी पार्टियों की फितरत कभी नहीं बदलने वाली है यह भी जनता बखूबी जान चुकी है बिजली पानी सरकारी दफ्तरों का पंजीकरण और ना जाने क्या-क्या सरकार अगले चुनावों को जीतने के लिए नाना प्रकार के झूठे वादे हर मोड़ पर नए हथकंडे हर मोड़ पर नई घोषणाएं और जनता को आर्थिक तौर पर स्वास्थ्य के तौर पर शिक्षा मेडिकल सुविधाएं रोजगार यातायात स्तर पर हर स्तर पर सरकार ने जनता को निराश ही किया है।
चंडीगढ़ वासियों द्वारा अदा किये जा चुके पानी के बढ़े रेट के बिल अगले बिलों में एडजस्ट ना करने पर स्थानीय ऑल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष राज नागपाल ने प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय सियासी पार्टियों सहित भाजपा की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि नगर निगम आयुक्त केके यादव द्वारा निगम सदन के बैठक में साफ कर दिया गया है कि उन्हें प्रशासन की ओर से जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें कहीं भी किसी भी आशय से उक्त स्थगित की गईं बढ़ी दरों को आने वाले बिलों में समाहित करने के बारे में कोई उल्लेख नहीं है, इसलिए वे इस बाबत कुछ नहीं कर सकते हैं।
अध्यक्ष राज नागपाल ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति ब्यान में कहा कि मौजूदा कोरोनावायरस वैश्विक महामारी की कहर बरपाती सुनामी में एक तो आम जनता वैसे ही आर्थिक दयनीय स्थिति व स्वास्थ्य समस्याओं से बुरी तरह प्रभावित है। और प्रशासनिक अधिकारी और भी परेशानी बढ़ा रहे हैं । उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों पर भी कुछ महीने के लिए रोक लगाना भी आने वाले चुनावों को लेकर लीपापोती के सिवा कुछ भी नहीं है आने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जनता से कटोरा लेकर वोट मांगने की स्थिति में कहीं तो थोड़ा शर्मशार ना हो। इसके लिए ही ये नई घोषणा की गई है। नागपाल ने कहा कि निगम चुनावों में भाजपा को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा व इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। नागपाल ने कहा कि अदा किये जा चुके पानी के बढ़े रेट वाले बिलों को आने वाले अगले बिलों में एडजस्ट करके प्रशासन आम जान को राहत प्रदान करनी चाहिए थी लेकिन लगता है कि सरकारी अधिकारी भी बड़े इशारों पर स्थानीय भाजपा की नाक बचाने के लिए ही कथित घोषणाएं करने पर मजबूर हैं। और सही बात तो यह है कि स्थानीय प्रशासन की बागडोर संभाले भी बीजेपी के रहमों करम पर हैं और बीजेपी के लिए ही उन्होंने कांग्रेस को इस मुद्दे से दरकिनार ए करने के लिए ही एक नई चाल चल कर बुरी तरह करारी मात कांग्रेस को दे डाली है।। कांग्रेस बेचारी जैसे राष्ट्रीय स्तर पर नाकामी के दलदल में धन श्री है ठीक वैसे ही चंडीगढ़ में भी एक खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे से ज्यादा कुछ भी नहीं बची है।