पंचकूला:- 14 मई अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:— भगवान श्री परशुराम प्रकट उतसव शुक्रवार को बड़ी धूमधाम से समस्त ब्राह्मण समाज के अलावा सामाजिक व धार्मिक संस्था ने घर पर रहकर कोविड-19 के दिशानिर्देशों के तहत मनाया। श्री परशुराम की जीवन शैली व शिक्षाओं, अस्त्र-शास्त्र विद्याओं एवं माता-पिता के प्रति भक्ति व समर्पण भावना के साथ उन्होंने विश्व कल्याणार्थ के लिए कर्म व धर्म के प्रति जागरूक व साहस का परिचय दिया।
इस अवसर पर ऑल इंडिया श्री परशुराम महासंघ व हिमाचल एकता महासंघ पंचकूला के चेयरमैन पंडित रामकृष्ण शर्मा ने भगवान श्री परशुराम प्रकाशोत्सव पर सभी देशवासियों को बधाई व शुभकामनाएँ दीं। इस उत्साहजनक अवसर पर चेयरमैन श्री शर्मा ने अस्त्र शस्त्र के महान ज्ञाता भगवान परशुराम जी के जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए बताया। हिन्दु पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के दिन श्री परशुराम प्रकाशोत्सव बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
महासंघ के चेयरमैन पंडित आरके शर्मा ने अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए कहा कि इस दिन से त्रेता युग व सतयुग का शुभारंभ हुआ था। इस दिन जप, तप, हवन, स्नान, पितृ तर्पण व अन्न का महादान आदि का महत्व अक्षय तृतीया में अनंत गुणा फलदाई होता है। यह तिथि अपने में स्वयं सिद्ध मुहूर्त है, सूख सौभाग्य व समृद्धि व यश प्रदान करने वाली है।
इस मौक़े पर चेयरमैन पंडित आरके शर्मा के अलावा सामाजिक संस्था हिंद संग्राम परिषद के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महासचिव हरीश शर्मा व वित्त सचिव बीरबल शर्मा तथा सिद्ध जोगी पौणाहारी सर्व सांझा लंगर सेवा ट्रस्ट ट्राइसिटी के प्रमुख पंडित विक्रांत ने भगवान श्री परशुराम जी के प्रकाशोत्सव पर हवन के पश्चात ब्राह्मणों को, मंदिर के पुजारियों व ज़रूरतमंदों को खाद्य राशन सामग्री वितरित की।
अल्फा न्यूज इंडिया वैब न्यूज मीडिया चैनल के ब्यूरो चीफ़ आरके विक्रमा शर्मा ने उत्सव में उपस्थित और अपने-अपने घरों में भगवान परशुराम जी का प्रकट उत्सव मनाने वाले आस्थावानों को शत शत धन्यवाद दिया। और समस्त भौतिक समाज के सुखद व हार्दिक स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामना भी की।
सभी ने भगवान श्री परशुराम प्रकाशोत्सव पर विश्व शांति व स्वास्थ्य लाभ व विश्व कल्याण के नमित प्रार्थना की। जल्द वैश्विक महामारी कोरोना से विश्व को निजात मिले । संस्थाओं ने संध्या समय दीप भी प्रज्ज्वलित कर सभी को शुभकामनाएँ दीं।