निजीकरण की नीतियों के विरोध में युटी डिपार्टमेंट्स की मुलाजम जत्थेबंदियां भरेंगी हुंकार

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चंडीगढ़ : 10 मई :-आर के शर्मा विक्रमा+एनके धीमान+करण शर्मा:–यू.टी चंडीगढ़ सबोर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन ने दिया 11 म‌ई को होने वाली सी.टी.यू वर्कर्स यूनियन की हड़ताल व ‘चक्का जाम’ को समर्थन देने वाली घोषणा की भनक से प्रशासन और स्थानीय पुलिस के भी माथे पर शिकनें बढ़ गई हैं।

सी.टी.यू वर्कर्स यूनियन द्वारा 11 म‌ई को दोपहर 12 से 2 बजे प्राइवेटाइजेशन,इलेक्ट्रिक बसों को किलोमीटर स्कीम में डालने ,2016 के समझौता अनुसार बाकी न‌ई बसों की खरीद न करने, रैगुलर भर्ती व आऊटसोरसिंग वर्कर्स को 15 सी.एल न देने, वीकली रैस्ट इत्यादि क‌ई मांगों पर प्रशासन द्वारा सुनवाई न होने की वजह से दो घंटे की हड़ताल व चक्का जाम किया जा रहा है ।।

यूटी चंडीगढ़ सबोर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन ने कोरोना महामारी दौरान एक वर्चुअल मीटिंग फेडरेशन के चेयरमैन चरणजीत सिंह ढींडसा की अध्यक्षता में हुई और मीटिंग में सी.टी.यू की हड़ताल को समर्थन देने का फैसला किया ।।

यूटी चंडीगढ़ सबोर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन से जुड़ी सभी यूनियने जैसे *ग्रुप डी शिक्षा विभाग यूनियन, जीएमसीएच सुरक्षा कर्मचारी यूनियन, चंडीगढ़ सुलभ सौचालय यूनियन,चंडीगढ़ सफाई कर्मचारी(MOH) यूनियन, स्पोर्ट्स कांटेक्ट वर्कर यूनियन, जीएमसीएच नर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन,मलेरिया कांटेक्ट वर्कर यूनियन,म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी यूनियन,एडल्ट कांटेक्ट वर्कर यूनियन संपर्क कांटेक्ट वर्कर, जीएमसीएच पब्लिक हेल्थ वर्कर यूनियन* हड़ताल में शामिल होंगे।

महासचिव सुखबीर सिंह ने कहा कि महामारी के इस प्रकोप में केंद्र सरकार महामारी को कंट्रोल करने के मामले में पूरी और बुरी तरह  नाकाम होने पर अब देशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए मुनाफे में चल रहे विभागों को भी निजी हाथों में सौंप रहे हैं। सरकार की नीतियां व्यक्ति विशेष और विशेष धनाढ्य घरानों को जो पहले ही अरबों पति हैं को और धनवान बनाने की हैं। भाजपा सरकार ने देश में मुनाफे पर चल रहीं 16  प्रिंटिंग  एंड स्टेशनरी डिपार्टमेंंटस  अज्ञात कारणों के चलते तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिए थे। और कर्मचारियों को रिफ्यूजी वर्कर बनकर दूसरे महकमों में भटकने, जलील होने और शेष समय काटने के लिए मजबूर कर दिया गया था। और सच बात तो यह है कि इन प्रेस विभागों के वर्कर जिंदगी में कभी एक विशेष पार्टी को भूले से भी वोट नहीं देंगे। और ना ही अपने तमाम शुभचिंतकों रिश्तेदारों और प्रभाव में आने वालों को भी उक्त पार्टी को वोट नहीं देने देंगे। जिन्होंने उनकी रोजी-रोटी पर इतना बड़ा कुठाराघात किया है।

 

 

 

 

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