चंडीगढ़:- 4 मई :-आर के विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ एनके धीमान:– पूरी दुनिया 2019 से लेकर अभी तक भी कोरोना के कहर के क्रंदन का सामना कर रही है। धरती पर जीवन अपने ही बनाए हुए मकड़जालों के जहर में जिंदगियां गंवा रहे हैं। धरती के हर कोने में मौत की सुनामी जोरों पर है। लेकिन भारत में कोरोना से मची तबाही का मूल कारण लोगों की हठधर्मिता और बेवकूफियां ज्यादा हैं। हालांकि सरकार की ओर से मुकम्मल प्रबंध शुरू से अभी तक अपाहिज ही नजर आए हैं। लेकिन दिशानिर्देश अगर भारतीय लोग मानते, तो मौतों का आंकड़ा बहुत ही नीचे रह जाता। यहां तक प्रशासन की सख्ती लोगों की जिद के आगे नाकाफी साबित होती रही है। सरकार का शासन पर से कंट्रोल खत्म होता दिखाई दे रहा है। भले ही सत्ता पर जकड़ मजबूत बनी हुई है। पिछले साल से अभी तक भुखमरी का तांडव और कोरोनावायरस इतना जालिम साबित नहीं हुआ। जितना यहां के कुछ लोगों की धन लोलुपता और अज्ञानता वश अपनों को ही लूट मार खाने की हैवानियत जालिम साबित हुई है। पिछले साल भुखमरी का जो सैलाब आया था। उसके लिए इंसानियत हर सरहदें पार करती हुई जरूरतमंदों के लिए मसीहा साबित हुई थी।
भुखमरी इस बार उस विकराल रूप में तो नहीं दिखाई दी। पर जो लोग कोविड-19 पॉजिटिव हुए और उन्हें मजबूरन 17 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन होना पड़ा। उनके घर में बाहर से राशन की आवक और अनेकों बुनियादी मूलभूत जरूरत की चीजें नहीं आने से कहीं-कहीं भुखमरी का सबब बनता देखा गया। चंडीगढ़ में ऐसी अनेकों संस्थाओं का उदय हुआ। जिन्होंने भूखे पेटों को अपने घरों से अपनी संस्थाओं की ओर से भरपूर भोजन कोविड-19 पॉजिटिव लोगों के घरों की दहलीज तक पहुंचाया। और बहुत से लोगों ने दानवीरों की जेबों पर भी डाके डाले। यह वह दानवीर सेठ जो कुछ कर सकने में असमर्थ थे। लेकिन धन से उन्होंने कोई कमी नहीं आने दी। पर उन्हें भूखे परिवारों के नाम पर लूटने वालों की कमी भी नहीं आई। बहुत से दयालु लोगों ने समूह बनाकर भूख से जूझते लोगों के लिए उनके घर द्वार तक भोजन पहुंचाने की दो वक्त की व्यवस्था की। और अपने संपर्क सूत्र लोगों में सोशल मीडिया के द्वारा प्रचारित किए। कि जिस किसी को भी दो वक्त का खाना पकाने में दिक्कत आ रही है। वह उनको फोन करें। वह लोग खुद उनके पीड़ितों के घर तक खाना पहुंचाएंगे।
ऐसे ही संजीव खन्ना मोबाइल नंबर 97000 01387 अमित भार्गव 98885 06829 और सुनीता डोगरा 80 5491 6252 सहित एसके राय 99155 53482 सोशल मीडिया के द्वारा खूब अच्छे संदर्भ में प्रचारित प्रसारित हो रहे हैं। जिस किसी को भी दो वक्त का खाना नहीं नसीब हो रहा है। वह इन दानवीरो से संपर्क करें। यह लोग हर मुसीबत और अड़चनें, हर मुश्किलातों का सामना करते हुए आप तक पीड़ित तक खाना पहुंचाते हैं।
चंडीगढ़ के सेक्टर 13 यानी पुराना कस्बा मणिमाजरा के कोरोनावायरस परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था सीनियर कांग्रेसी नेता रामेश्वर गिरी के द्वारा की गई है रमेश गिरी ने अपना मोबाइल नंबर 98140 66452 देते हुए लोगों से निवेदन किया है कि दोपहर के खाने की बुकिंग 11:00 बजे से 12:00 बजे तक और शाम के खाने की बुकिंग 5:00 से 6:00 तक करवा दें ताकि स्वादिष्ट पौष्टिक भोजन बनाकर कोविड-19 पौष्टिक पीड़ित के घरों तक पहुंचाया जा सके।
हालांकि कुछ संस्थाओं के बारे में जब पब्लिक से उनके नेक कार्यों के बारे पूछा गया तो लोगों ने जवाब देने से पहले ही अपने मुंह मोड़ लिए। जब हमने खुद मां संस्था के संचालक से प्रतिदिन कोविड-19 पॉजिटिव पीड़ितों के कितने परिवारों तक भोजन पहुंचाया जाता है। तो इसके बारे में उनकी तरफ से कोई भी उत्तर देते ना बना।। हां उन्होंने यह जरूर बताया है कि उनका भोजन प्रति टिफिन ₹40 कॉस्ट करता है। और जब उनसे पूछा गया कि कितने लोगों को हर रोज एक वक्त का खाना दिया जा रहा है। तो उन्होंने बताया कि पंचकूला के सेक्टर 6 की कोठी नंबर 311 में कोविड-19 पॉजिटिव पीड़ित परिवार को वह भोजन पंहुचाते हैं। उनसे जब कितने लोगों के घरों में खाना प्रोवाइड करवाया जा रहा है कि लिस्ट बारम्बार मांगी गई। तो वह समय अभाव का मजबूरी बताकर लिस्ट देने से बचते रहे हैं। ऐसी अनेकों और भी संस्थाएं समाज में जहरवाद फैला रही होंगी। जो आज हाथ बढ़ाने की बजाय जेबे काटने में ही मशगूल हैं। अनेकों लोगों का यह कहना है कि बुरे दौर में हमें अपनी दुश्मनी और अपने अभाव तक को भूलकर जरूरतमंद की यथासंभव मदद करनी चाहिए। लेकिन वहीं दूसरी ओर लोग इस भुखमरी के नाम पर लोगों की जेबों पर डाका डालने से भी गुरेज नहीं बरत रहे हैं।