चंडीगढ़:- 4 मई:– आरकेे शर्मा विक्रमा +करण शर्मा:– शहर के व्यापारी नेता व चंडीगढ़ उद्योग व्यपार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन ने कारोना महामारी के इस संकट काल के चलते व्यापारियों को राहत दिए जाने की मांग की है और प्रशासक से व्यपारियो के साथ बैठक कर लॉकडाउन के संबंध में पुनर्विचार करने की अपील की है ।
चंडीगढ़ के प्रशासक श्री वी पी सिंह को लिखे एक पत्र में कैलाश चन्द जैन ने कहा है कि यह सर्वविदित है कि वैश्विक महामारी कोरोना दिन प्रतिदिन बड़ी तेजी से अपने पांव पसारती जा रही है और काबू में नहीं आ रही है। अगर चंडीगढ़ की ही बात करें कोरोना की यह चेन यहाँ भी बड़ी तेजी से फैल रही है। ऐसा लगता है कि कोरोना की इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नजर नहीं आ रहा । लेकिन शहर में लंबा लॉकडाउन लगाने की बजाय आधा अधूरा लोकड़ाऊंन लगाया गया है और लॉकडाउन के तहत आज जो गाइडलाइंस जारी की गई है उनके अनुसार सड़कों पर वाहन यातायात जारी रहेगें। 50%स्टाफ के साथ दफ्तर खुलेंगेे। बहुत सारे कमर्शियल एक्टिविटी होती रहेंगीं। शहर की अधिकतर दुकानें खोलने की इजाजत है । केवल कुछ चुनिंदा गैर जरूरी सामान बेचने की दुकानें बंद रखने के आदेश दिए गए हैं । जबकि होटल, रेस्टोरेंट , जरूरी सामान में दूध, ब्रेड, वेजिटेबल, फल फ्रूट , डेयरी प्रोडक्ट, अंडा, मीट , बेकरी , करियाणा, कन्फेक्शनरी, ग्रोसरी, मोबाइल रिपेयर , चश्मे आदि की दुकानें खोलने की इजाजत हैै, तो फिर बंद क्या है ?
कैलाश जैन का कहना है कि इस प्रकार तो केवल 10% से 20% दुकान ही बंद होगी। जो कि इन दुकानदारों के साथ सरासर नाइंसाफी है। उनका कहना है कि उनका अभी भी वही निर्धारण है कि या तो पूरा लॉकडाउन लगाया जाए या फिर सारी दुकानें खोली जाएं।
कैलाश जैन ने मांग की है कि कम्पलीट लोकड़ाऊन लगाने की स्तिथि में दुकानदारो के लिए राहत पैकेज घोषित किया जाना चाहिए। दुकानदारों का प्रॉपर्टी टैक्स , बिजली पानी का बिल, बैंक का ब्याज आदि माफ कर दुकाानदारों को राहत दी जाए।
देश की खातिर दुकानदार लोकड़ाऊन का कड़वा घूंट भरने को तैयार हो सकते हैं। बशर्ते उनके इंटरेस्ट का भी ख्याल रखा जाए।
इतिहास गवाह है, जब जब देश पर किसी किस्म की मुसीबत आई है। तो व्यापारियों ने अपने नुकसान की परवाह किए बिना हमेशा देश सेवा की हैै। और देश की सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है।
कैलाश जैन ने यह भी कहा है कि इस मुद्दे पर प्रशासन ने जैसे सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की थी। उसी तर्ज पर प्रशासक के स्तर पर शहर के सभी व्यापारिक संगठनों के साथ भी एक बार बैठक आयोजित की जानी चाहिए। ताकि प्रशासन को भी यह पता लग जाए कि व्यापारी क्या चाहते हैं।
कैलाश जैन ने इस बारे में पुनः विस्तृत चर्चा करके जनहित में उचित फैसला लिया जाने की मांग की है।