चंडीगढ़़-: 23 अप्रैल :-आर के शर्मा विक्रमा/ करण शर्मा:- चंडीगढ़ प्रशासन के वार रुम से खबर है कि लंबा लॉकडाउन शहर में अब कदापि नहीं लगाया जाएगा। यहां तक कि वीकेंड पर लगने वाला शुक्रवार रात्रि 10:00 बजे से सोमवार सवेरे 5:00 बजे तक जो लास्ट लॉकडाउन लगा था, लगता है कि अब उसको भी खत्म कर दिया जाएगा। भविष्य में दोनों वीकेंड और इससे बड़ा हफ्ता भर का या एक पखवाड़े का लॉकडाउन लगने की जो संभावनाएं कयास लगाए जा रहे थे। अब वह पूरी तरह से निरस्त होने वाले हैं। क्योंकि चंडीगढ़ प्रशासन पूरी तरह से प्रधानमंत्री कार्यालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए चंडीगढ़ में लॉकडाउन बिल्कुल समाप्त करने जा रहा है यह इसलिए नहीं किया जा रहा है कि चंडीगढ़ में कोरोना केसेस आने बंद हो गए हैं। या बिल्कुल ही उनका ग्राफ गौण हो चुका है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। हालांकि यह ग्राफ हैरानी से भी ज्यादा हैरान कर देने की तरफ बढ़ रहा है। और शहर में पॉजिटिव आने वाले मरीजों को सरकारी तौर पर मेडिकल सुविधाएं देने के नाम पर प्रशासन फिसड्डी पहले ही साबित हो चुका है। लॉकडाउन ना लगाने का फैसला प्रशासन किस मंसूबे पर ले रहा है। यह तो कोई भी नहीं जानता। लोगों की जुबानी अगर देखा जाए तो सरकार चाहती है कि लोग मरें, जनसंख्या घटे। और अब सरकार का हथकंडा यह हो गया है कि कोई मरे या जिए किसी का संस्कार हो या किसी को दफनाया जाए। सरकार का इससे कोई सरोकार नहीं लगता है। दूसरी तरफ सरकार लोगों को सतर्क कर कर के थक चुकी है कि सामाजिक दूरी बहुत जरूरी है। मास्क भी बहुत जरूरी है। अपनी सफाई, हाथ धोने, अच्छे स्वच्छ वस्त्र पहनने व अच्छा खानपान पोष्टिक आहार लेना आधारहीन नजर आ रहे हैं। सरकार और पुलिस तमाम तरह के प्रयास करके थक चुकी है। ऊब चुकी है। लेकिन जनता है कि मानने का नाम नहीं लेती। सार्वजनिक स्थलों पर एक निगाह डाली जाए, तो भीड़ नजर आती है। पार्कों में लॉकडाउन के दौरान भी खूब भीड़ नजर आई। लोग ताश खेलते नजर आए। सैर करते नजर आए। यहां तक कि बुजुर्ग और बच्चे महिलाएं ग्रुप में बैठकर धूप सेकते नजर आए। समूचे शहर में कहीं भी इमानदारी से डेडीकेशन से लॉक डाउन का पालन करते शहरवासी नजर आए। यह कहीं भी किसी भी कोने से कोई भी समाचार सुनने या पढ़ने को नहीं मिला है। लॉकडाउन में यही हाल रहा तो फिर लॉकडउन लगाने का औचित्य ही क्या रह जाता है। ऐसे में प्रशासन का फैसला किसी हद तक सही भी लगता है।