जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी का इंजॉय करना है, तो कोरोना से जरुर डरना है :– एलआईसी

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चंडीगढ़ :-अप्रैल 17:-आर के विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:– एलआईसी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन का बड़ा सीधा सा स्लोगन है एलआईसी जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी!! दूसरी बात यह है कि एलआईसी के एजेंट खैर अब तो अन्य जीवन बीमा कंपनियों के एजेंट भी एक ही बात समझाते हैं और वह समझाते हैं घर वालों को खासकर घर वालियों को कि अगर आपके पति अच्छी खासी बड़ी इंस्टॉलमेंट वाली पॉलिसी करवाएंगे। तो आपको एक मोटी रकम जरूरी नहीं है कि पॉलिसी मेच्योर होने पर ही मिले, उससे पहले भी मिल सकती है। मान लो भगवान ना करे कि आपके पति को कुछ हो जाता है। तो आपको उनकी बीमा राशि तुरंत तमाम लाभों के साथ मुहैया करवाई जाएगी। यह सुनते ही बीवियां बड़ी इंस्टॉलमेंट वाली और तुरंत यानी जल्दी खत्म होने वाली पॉलिसीज करने के लिए पति के नाक में दम कर देती हैं। और अच्छी खासी मोटी रकम पाने के लिए पति के नाक में ही दम घोट देती है। एजेंट पॉलिसी करवाने वाले की बीवी को उसके सामने ही किस्त भरने के लिए तैयार कर लेता है। और बीवी को बीमा की गई तमाम राशि मिलने के क्या-क्या जरिए हैं बताना शुरू कर देता है। एलआईसी जीवन में साथ भी पति के तभी है जब तक वह किस्तें दे रहा है। एलआईसी जीवन के बाद भी उनके लिए सुनहरी अंडे देने वाली मुर्गी है। जिनका पॉलिसी धारक से नजदीक की आत्मीयता का रिश्ता होता है।

आजकल कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते एलआईसी और अन्य बीमा कंपनियों ने कई अरबों का बिजनेस किया है। बहुत से लोगों ने भैंसे वाले अंकल जी से डरते हुए मोटी मोटी धन राशियों के जीवन बीमा करवाए हैं। हालांकि जीआईसी के भी मामले कमाई के इसी प्रकार अरबों में हैं। तो कोविड-19 की दूसरी चरण की सुनामी जो बहुत ही विकराल रूप धारण किए हुए हैं। उसके दौरान लोगों को जागरूक करते हुए एलआईसी ने अनेकों अच्छी खासी जीवन बीमा पॉलिसी लॉन्च की हैं। और कोरोना से बचने की महत्वपूर्ण औपचारिकता निभाते हुए जनता को आगाह करते हुए कि कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनें। समाजिक दूरी का पालन करें। बिना वजह घर की चारदीवारी से बाहर भी ना जाएं। और चिकित्सकों द्वारा सरकारी स्तर पर दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करें। अस्पतालों की तो बात ही छोड़िए। अब तो कब्रिस्तान और श्मशान में भी लाइनें लगनी शुरू हो चुकी हैं। बेरोजगारी के बढ़ते आलम में महंगाई, पंजाब के टीचरों की तरह बिजली के टावरों पर चढ़कर सबका मुंह चिढ़ा रही है। अस्पतालों में डॉक्टर मरीज की तरफ देखने का मतलब सीधा भैंसे से वाले अंकल को अपने लिए कॉल करना समझते हैं। ऐसे में मरीज जाए तो जाए कहां? तो सीधा सलाम नर्सिंग स्टाफ सहित अस्पताल के अन्य कर्मियों को है! केमिस्ट की दुकानों पर जो कभी कबार 10% छूट मिल जाया करती थी। अब वह पुरानी बातें हो चुकी हैं। और जो ऑक्सीमीटर महज 14  अप्रैल को ₹850 में घर डिलीवरी पर मिल जाता था। आज 17 अप्रैल को उसकी कीमत 1400 रुपए बताई जा रही है। जोकि नौलखा कंपनी ताज़ा कीमत कहीं जा रही है। यानी सरकार का महंगाई पर कोई कंट्रोल नहीं रहा है। या कहिए सरकार ने महंगाई पर से अंकुश बिल्कुल हटा लिया है। कोरोना की मार से जो बचेंगे, वह महंगाई से कभी नहीं बच पाएंगे।। ऐसे में सावधानियां जरूर रखें। खुद बचें, औरों को बचाएं।

एलआईसी ने जनहित में जारी अपने स्लोगन में कहा है कि अगर आप चाहते हैं कि आप द्वारा अदा की गई किस्तों की पूरी कीमत आप अपने परिवार सहित इंजॉय करें। तो घर में रहें। पर अगर आप चाहते हैं कि आप द्वारा खून पसीने की कमाई से जोड़-तोड़ करके भरी गई किस्तों की बीमा राशि कीमत का इंजॉय आपकी फैमिली करें। तो फिर आप अपनी मर्जी के बादशाह हैं। जो चाहते हैं, जहां जाना चाहते हैं, जिससे जैसे मिलना चाहते हैं आप लोकतंत्र भारत में स्वतंत्र हैं।

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