पंचकूला :-14 अप्रैल: आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:- हरियाणा खास्कर पंचकूला की राजनीति में रंजीता मेहता आज किसी परिचय की मोहताज तो नहीं है। लेकिन पिछली पार्टी में उनके जुझारूपन को जिस तरह से नजरअंदाज किया गया। उससे खफा होकर रंजीता मेहता ने कमल को खिले चेहरे से नमन कर डाला। और लंबे अरसे से जिस पार्टी की सेवा में कार्यरत थी। उसको अलविदा कहते देर न लगाई। रंजीता मेहता का कहना है कि वह सिर्फ राजनीति जनसेवा के लिए चाहती हैं। और जो भी हाईकमान से ड्यूटी मिलती है। उसे तन मन से समर्पित होकर पूरा करती है। और यही कारण है कि उनको कमल के फूल ने खिलखिलाते हुए सिर माथे पर लिया।
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की 130 वी जयंती पर रंजीता मेहता ने बाबा साहब को कोटि कोटि नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी। और कहा कि बाबा साहब की विशेषता यही रही है कि उनके विचार हर कालखंड के लिए हर पीढ़ी के लिए यहां तक कि हर तबके के लिए उप कारक साबित हुए। उनके विचार में एक ताकत थी। एक तपस्या एक अर्थ जो राष्ट्र को समर्पित था। उसका कालांतर जय घोष हुआ ।।