चंडीगढ़:- 13 अप्रैल:- आरके शर्मा विक्रमा/ अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:— जाने-माने परोपकारी व निस्वार्थ सेवाभवी और शहर के व्यापारी नेता व चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन ने नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते द्वारा चालान करने के बाद दुकानदारों का सामान मौके पर ही छोड़ देने व जुर्माना की राशि के ऑनलाइन भुगतान किये जाने की सुविधा के फैसले को वापस लिए जाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है तथा इसे दुकानदारों के लिए अतिरिक्त परेशानी का सबब बताया है।
आज यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कैलाश चंद जैन का कहना है कि कुछ महीने पहले ही नगर निगम ने दुकानदारो के अतिक्रमण के चालान किये जाने की सूरत में मौके पर ही ऑनलाइन जुर्माना भरने व सामान छोड़ने का ऑप्शन दिया था। जिससे व्यापारियों को राहत मिली थी। लेकिन अब इसे वापस किए जाने के फैसले से व्यापारियों की परेशानी बढ़ेगी। व्यापारियों को अपना सामान छुड़ाने के लिए निगम दफ्तर और स्टोर के धक्के खाने पड़ेंगे। इससे दुकानदारों का समय भी खराब होगा। तथा पैसे भी मजबूरन अधिक खर्च करने पड़ेंगे।
यहां यह स्पष्ट तौर पर बता देना और भी जरूरी है कि समय समय पर चंडीगढ़ के दुकानदारों और लघु उद्योगों से जुड़े और बड़े उद्योगपतियों व्यापारियों को जब जब भी कोई इस मामले में परेशानियों का सबब बना या अड़चनें सामने आईं, तो व्यापारी समाज का एकमात्र नेता कैलाश चंद जैन जो अविलंब सबसे आगे डटकर उनकी पैरवी करते दिखाई देते हैं।
कैलाश जैन का कहना है कि व्यक्तिगत तौर पर वे किसी भी प्रकार के अतिक्रमण के हिमायती नहीं हैं। लेकिन दुकानदारों की परेशानी को देखते हुए व्यापारियों के हितों को मद्देनजर रखते हुए इस फैसले को वापस करने की मांग करते हैं ।
अल्फा न्यूज़ इंडिया के सवाल पर कि अगर संबंधित विभाग के अधिकारी अपने फैसले पर अडिग रहेंगे। तो व्यापारी, दुकानदार समाज की क्या रणनीति होगी, के बारे में व्यापारी नेता कैलाश चंद जैन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वैसे तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। और अधिकारियों को अपने इस आदेश को यथावत पहले की तरह जारी रखना चाहिए। ताकि दोनों वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। लेकिन यदि किसी अन्य सूरते हाल अधिकारी अपने फैसले पर अडिग रहते हुए टस से मस ना होंगे, तो भविष्यगत जो भी रणनीति होगी। वह सोच विचार कर अमल में लाई जाएगी।।
व्यापारी नेता कैलाश चंद जैन ने यह भी कहा कि बड़ी मुश्किल से 2019 में शुरू हुए कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते व्यापारियों, दुकानदारों व बड़े छोटे उद्योगपतियों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल चरमर्मरा गई हैं। और ऐसे में 2020 के लॉकडाउन के बाद जैसे तैसे इस समाज ने अपनी आर्थिक हानि से उभरने के प्रयास शुरू ही किए थे, कि नगर निगम के इस फैसले ने उनकी तमाम आशाओं को एक बार फिर धाराशाही किया है। यहां तो चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम और व्यापारी व दुकानदार जगत से जुड़े संबंधित विभागों को चाहिए कि इस समय अधिक से अधिक इन लोगों को रियायत और अन्य बुनियादी सुविधाएं जुटाई जाएं ना कि रोजी रोटी कमा रहे इन लोगों के आगे नाना प्रकार की परेशानियों की बाधाएं खड़ी की जाएं।