नव वर्ष विक्रम संवत 2078 का कल से श्री गणेश

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चंडीगढ़:- 12 अप्रैल:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—-13 अप्रैल से शुरू होगा नया संवत्सर – 2078, राजा और मंत्री मंगल इसी दिन से दिनांक 13,04,2021 से नवरात्रि है प्रारम्भ: – इस नवरात्रि में यदि आपने यह कार्य किया है तो सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान और सभी प्रकार होगा। – कार्य पूर्ण होगा: –

नवरात्रि कलश स्थापन का शुभमुहूर्त: –

शुभ मुहूर्त: – सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक। घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त: – सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक।

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के पहले दिन ही सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने पृथ्वी की रचना की थी। यही मुख्य कारण है कि, पंचांग अनुसार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात प्रथम तिथि के साथ ही, हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ भी होता है और इसी दिन से नए संवत्सर लागू होता है। वर्ष 2021 में दिनांक 13 अप्रैल, मंगलवार से नव संवत्सर 2078 आरंभ होगा। तब से विक्रम संवत 2078 भी शुरू हो जाएगा।

लेकिन मंगलवार से शुरू हो रही प्रतिपदा के कारण इस संवत का राजा क्रूर ग्रह मंगल होगा। मंगल दंगल भी करता है और मंगल भी करता है।

पंचांग की गणना से देखें तो इस बार 13 अप्रैल मंगलवार को आनंद संवत्सर का आरंभ हो रहा है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल को अमृतसिद्धि योग में नव संवत्सर आनंद का आरंभ होगा।

मंगलवार के दिन वर्ष का आरंभ होने से वर्ष के राजा मंगल होंगे। मंत्री का पद भी मंगल के पास रहेगा।

क्या होता है नवसंवत्सर- ??

नया साल लगने पर नया संवत्सर भी प्रारंभ होता है। जैसे बारह महीने होते हैं उसी तरह 60 संवत्सर होते हैं। संवत्सर अर्थात बारह महीने का कालविशेष। सूर्यसिद्धांत अनुसार संवत्सर बृहस्पति ग्रह के आधार पर निर्धारित किए जाते हैं। 60 संवत्सर में 20-20-20 के तीन भाग हैं जिनको ब्रह्माविंशति (1-20), विष्णुविंशति (21-40) और शिवविंशति (41-60) कहते हैं।

60 संवत्सर: संवत्सर को वर्ष कहते हैं: प्रत्येक वर्ष का अलग नाम होता है। कुल 60 वर्ष होते हैं तो एक चक्र पूरा हो जाता है। वर्तमान में प्रामिस नामक संवत्सर है। 13 अप्रैल से आनंद नामक संवत्सर शुरू होगा।

संवत्सर का नाम इस प्रकार हैं: – संभव, विभव, शुक्ल, प्रमोद, प्रजापति, अंगिरा, श्रीमुख, भाव, युवा, धाता, ईश्वर, बहुतायत, प्रमथि, विक्रम, वृषप्रजा, चित्रभानु, सुहाबु, तन्य, पार्थिव, अव्यय, सर्वजीत। सर्वधर्म, विरोध, विकृति, खर, नंदन, विजय, जय, मन्मथ, दुर्मुख, हेमलम्बी, विलम्बी, विकारी, शार्वरी, प्लव, शुभवेद, शोभित, शीतली, विश्वावसु, पराभव, प्लवंग, इल्क, सौम्य, साधारण, विरोधाभासी, अवधावी प्रमिता, आनंद, राक्षस, नल, पिंगल, काल, सिद्धार्थ, रौद्रि, दुर्मति, दुन्दुभि, रूधिरोद्गारी, रताक्षी, क्रोधन और तेज।

जैसा कि मंगलवार से नए संवत्सर शुरू होने के कारण इस संवत्सर का राजा और मंत्री मंगल हैं।

मंगल को युद्ध का देवता कहा जाता है। यह हिंसा, दुर्घटना, दुर्घटना, विनाश, शक्ति, सशस्त्र बलों, सेना, पुलिस, पुलिस, अग्निशमन, शल्य चिकित्सा, कसाई, छिपकर हत्या करने वाला, दुर्घटना, अपहरण, बलात्कार, उपद्रव, सामाजिक और राजनायिक अस्थिरता का कारक ग्रह हैं। विक्रम संवत 2078 के राजा मंगल होने से इस वर्ष धर्मी-तूफान का भी जोर रहेगा। मतलब लोग महामारी से मुक्त होंगे लेकिन उपद्रव और प्राकृतिक घटनाओं से परेशान रहेंगे। यह वर्ष पूरी दुनिया को अच्छी और बुरी घटनाओं से प्रभावित करेगा और अप्रिय घटनाएं भी होंगी। कई देशों में तनाव और आपसी टकराव की बमबारी भूंकप पहाड़ों से आपदाओं आती हुई नजर आएंगी।

नवरात्रि में करें बस ये कार्य, आपकी सभी मनोवृति पूर्ण-नवरात्र में बनेगें कई शुभ फल: –

इस बार चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल, 2021 मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। इसी दिन से हिंदुओं का नया संवत्सर 2078 नया साल भी शुरू होगा, लेकिन इस संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों मंगल है। और मंगल के कारक देव सदैव श्रीराम भक्त हनुमान जी माने गए हैं।

यह संवत्सर मंगल के प्रभाव में रहेगा, जबकि इसके कारक श्रीराम भक्त हनुमान हैं, ऐसे में इस संवत्सर में श्रीराम की पूजा का अन्नय फल मिलेगा।

वहाँ यह भी माना जाता है कि जो व्यक्ति नवरात्रि में राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना, रामायण, सुंदर कादं, हनुमान चालीसा, बंजरग बाण, हनुमान कवच एक मुखी पंच मुखी कवच ​​हैं, माँ दुर्गा कवच उन्हें माँ दुर्गा और श्रीराम की विशेष कृपा मिलती है। है। सभी मनोकामना पुरी होगी

साधक और साधिका के लिए नवरात्रि विशेष फलदाई होते हैं: –

ॐ नमो आदेश, आदेश, आदेश शिव गुरू: –

साधक एंव साधिका जो साधना किसी देवी देवता की सिद्धि यंत्र, तंत्र, मंत्र, की करते है नवरात्रि में उन्हें थोड़े समय में जल्दी सिद्वि प्राप्त हो जाती है इसी प्रकार गुरु की सनिधय में रह कर अपनी साधना, सिद्वि करे माँ भगवती सभी मनोरथ शीध्र पूर्ण करता है श्रद्वा ओर विश्वास से करे सभी साधको को: – जय बाबा काशी विश्वनाथ जी की: –

यह मंत्र सभी संकटों का शमन करने वाला और अनुष्ठान-सिद्धि देने वाला माना गया है।

‘ॐ नम: शिवाय’, ‘हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:’ ‘यह मंत्र एक-साथ कई कार्य करता है। हनुमान जी के मंत्रो में उग्र सवभाव हो जाता है शिव ओर श्री राम जी के मंत्र के साथ में ये शीतल सभाव में कार्य करेगा स्त्रियाँ भी जप कर सकती हैं।

दुर्गा सप्तशती: –

दुर्गा सप्तशती का पाठ सुख शांति, समृद्धि, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, व्यापार वृद्धि और हर मनोकामना में प्राप्त करना है।

और नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ को करना, सबसे अधिक शुभ कार्य माना जाता है।

ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः। मंत्र का फल – सभी प्रकार की सिद्धियों के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।

संतान प्राप्ति के लिए: – पहले नवरात्रि से विटामिन की सहित माँ भगवती को हर रोज दूध से। स्नान कराए और मिठाई मे पेडा व फल मे अनार का भोग लगाऐ और साथ मे भैरव बाबा ओर हनुमान जी की पुजा करे ओर भोग लगाऐ 1 पानी वाला नारियल अपनी मनोकामना बोल कर अपने घर के मंदिर में रखे हर रोज पुरे नवरात्रि पुजा करे बाद में अपनी। मनोकामना बोल कर माँ भगवती के मंदिर जा कर लाल चूनरी और 16 श्रृंगार सहित माता के चरणों में अर्पित करे या फिर संतान प्रप्ति के मंत्र से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐं आपकी योकामना अवश्य पूर्ण होगी लेकिन मनोकामना पहले नवरात्रि से अंत तक एक ही रखनी अलग अलग नहीं है।

नौकरी से संबंधित उपाय: – यदि नौकरी

या परमोसन संबंधित कार्य में कोई अड़चनें आ रही है तो नवरात्रि मे माँ भगवती ओर हनुमान जी को भोग लगाऐ फिर छोटे कन्या ओर छोटे बच्चों में पुरे पुरे नवरात्रि में मिठाई, चॉकलेट, बांटे और काले कुते दूध पिलाऐ और बाबा और का मंदिर भी जाएँ। आशीर्वाद ले प्रसाद बाँटे आपकी नौकरी समतुल्य परेशानी निश्चित रूप से दुर हो जाएगी

विवाद में आ रही अड़चनें और बाधाएँ कैसे दूर होंगी नवरात्र में करें उपाय: –

लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ के लिए पुरे नवरात्र लड़की को माँ गौरी का पूजन करना चाहिए और माँ को लाल चुनरी सहित 16 श्रृंगार अर्पण करे या फिर पति प्राप्ति के लिए मन्त्र: –

                              कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वर!

                               नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:

मत्रं से दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राहमण से करवाऐ माता से प्रार्थना करें हे माँ मै आपकी शरण में आ गयी मुझे शीघ्र अति शीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पुरी हो।

लड़के के विवाह में आने वाली बाधाएँ दूर करने के उपाय: –

लड़के ने नवरात्र के समय माँ दुर्गा का सोढस उपचार पूजन करे और पूजा में मिठाई पेड़ा और फल में माता को अनार अर्पण करे या फिर पत्नी प्राप्ति के मत्रं: –

                                   पत्नीं मनोमां देहि मनोवृत्तौं सारिणीम्।

                                  तारिणीडुर्गस सारसागरस्य कुलोद्भवाम् सं

से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाए आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।

राजनीति में सफलता के लिए बना हुआ नवरात्रि में राज योग है

क्या उपाय करें: –

राजनीति करने वाले के लिए क्या बार नवरात्रि में काफी अच्छा राजयोग प्रंचड़ बना हुआ है राजनीति करने वाली माँ भगवती के तीनों रूप व माँ पितामबरा (बगला मुखी) पुजा पुरे नवरात्रि को रात के समय करनी चाहिए विजय प्राप्ति के लिए माँ माँ भगवती विजय प्राप्ति मत्रं से दुर्गा से दुर्गा सप्तशती से संपुटित सचचंडी पाठ व माँ पितामबरा का सौ लक्ष जप रात के समय करवाये और माँ भगवती को मिठाई, फल, पंचमेवा भोग लगाऐ पुजा के समय विजय प्राप्ति यत्रुन व माँ माँला मुखी यत्रं जरूर रखे 11 हनुमान कवच के पाठ भी करवाएँ हनुमान जी। को लाल फल का भोग, लडडू का भोग और हर रोज नवरात्रि में 9 कन्या को जो 9 साल से छोटी हो फल मिठाई व दक्षिणा देवे और कन्याओ के पावण छु कर आशीर्वाद लेवे राजनीति में सफलता प्राप्त होगी।

धन प्राप्ति में रुकावट को दुर करने के लिए नवरात्रि में करे करे ऊपाय: –

सबसे पहले माँ लक्ष्मी यंत्र, श्री यंत्र ओर कुबेर यंत्र माँ लक्ष्मी या दुर्गा की मूर्ति को हर रोज़ पुरे नवरात्रि माँ लक्ष्मी का दुध, अनार का रस, या गन्ने के रस से श्री शुक्त के या लक्ष्मी शुक्त से 1121,31,51,108 , पाठ से अभिषेक करे और माँ लक्ष्मी को पेडा, अनार ओर पंचमेवा का भोग लगाऐ पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे फिर खुद ग्रहण करे और हर रोज रात्रि मे कमल के फुल, कमल गटटे, हवन लाल चंदन, और खीर से श्रीशुक्त के ११। पाठ से हर रोज प्रा

श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इस तरह के संयोग का बहुत ही महत्व है नवरात्र के समय ऐसे योगो का दोहराना फल मिलता हैं। इसलिए यह नवरात्र देवी साधकों के लिए विशेष होते हैं।

दुर्गा सप्तशती: –

दुर्गा सप्तशती का पाठ सुख शांति, समृद्धि, धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, व्यापार वृद्धि और हर मनोकामना में सफलता प्राप्ति है, और नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान दुर्गा सप्तशती के पाठ को करना, सबसे अधिक शुभ माना जाता है।

पढाई में कमजोर बच्चो के लिए नवरात्रि में उपाय: –

बच्चो को नवरात्रि माँ सरस्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए

ॐ ऐं वाग्देयै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्। मंत्र का फल: – इस मंत्र के जाप से विद्या की प्राप्ति में सफलता मिलती है

माँ सरस्वती पूजात्र का हर रोज़ सुब पाठ करे ओर माँ सरस्वती से प्रार्थना करें मेरे कंठ में वास करो और मुझे सदबुद्धि की प्राप्ति हो मै आपकी शरण में आ गया और माँ सरस्वती को हररोज पुरे नवरात्रि में दुःख, पेड, सहद, पचंमेवा की भोग लगाई। ओर बिल्ल पुष्प या पुष्प माला माँ सरस्वती को अर्पण करे पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे और ऊन के पांव छु कर आशीर्वाद ले फिर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करे अवश्य ही आपको सफलता मिलेगी

धन प्राप्ति में रुकावट को दुर करने के लिए नवरात्रि में करे यह उपाय: –

सबसे पहले माँ लक्ष्मी यंत्र, श्री यंत्र ओर कुबेर यंत्र माँ लक्ष्मी या दुर्गा की मूर्ति को हर रोज़ पुरे नवरात्रि माँ लक्ष्मी का दुध, अनार का रस, या गन्ने के रस से श्री शुक्त के या लक्ष्मी शुक्त से 1121,31,51,108 , पाठ से अभिषेक करे और माँ लक्ष्मी को पेडा, अनार ओर पंचमेवा का भोग लगाऐ पहले प्रसाद छोटी कन्या को बांटे फिर खुद ग्रहण करे और हर रोज रात्रि मे कमल के फुल, कमल गटटे, हवन लाल चंदन, और खीर से श्रीसुकत के 11 पाठ से हर रोज़ पुरे नवरात्रि हवन करे या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाऐ इस बार नवरात्रि में प्रचंड लक्ष्मी योग बना हुआ है यह कार्य सरदा और विशवास से करे सफलता प्राप्त होगी।

व्यापार में बार-बार बाधाएं आ रही हैं और सफलता दूर कैसे होगी: –

किसी ने व्यावसायिक स्थान को बंधवा दिया या किसी प्रकार की भुत प्रेत बाधा दोष या नजर टोना टोटका सभी प्रकार के बधंन से मुकित के लिए नवरात्रि इस प्रकार की बाधाएं को दुर करने के लिए कारग्रर उपाय कयूर नवरात्रि में व्यापारिक स्थान पर माँ दुर्गा सप्तशती का बीज धारण किया। मत्रं या वैदिक मत्रं: –

आलबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी।

एवमे त्व त्वया कर्ममद्दैरिविनाशनम् |

ुट संपुटित पाठ करवाऐ या हर रोज। पुरे नवरात्रि माँ भगवती के बीज मत्रं या उपर मे मत्रं की 11 माला से हवन करे या करवाऐ हवन शाम के समय या रात्रि में करवाऐं हवन के लिए शुभ्जी के लिए विशेष वस्तु का प्रयोग करें ओर सूर्य नवरात्रि होने के बाद 9 कन्या को भोजन करवाए। दक्षिण दे व्यापार में दिन दुगनी रात चौगनी तरकी ये एक सटीक ऊपाय है। क्यो की नवरात्रि रहसय है जो सफल रही होगी: –

ॐ सार्वभौम ज्योतिष परामर्श केंद्र: –

कुंडली सम्बन्धी समस्याओं का समाधान नि: शुल्क,

(1) क्यो जीवन में कठिनाइयों से जूझ रहे हैं आप?

(२) क्यो नियमित कर्म के बाब और कोई नहीं हो रहा है क्या आप भाग्य उदय हैं?

(३) आप रुका क्यों है?

(४) आप दूर से खुश क्यों हैं?

किसी भी प्रकार की ज्योतिषीय सलाह के लिए आचार्य पं। श्रीकांत पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधा संपर्क करें: – 9131366453 ,, साभार।।

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