चंडीगढ़ :-11 अप्रैल :-आर के विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:– आजकल सोशल नेटवर्किंग मीडिया का जमाना है! जो हो रहा है, अब वह सबके सामने हो रहा है! यानी कि लोग सुसाइड भी ऑनलाइन होकर कर रहे हैं! यह हमारी कमजोर मानसिकता, गलत सोसाइटी में उठना बैठना और हमारे अंदर अच्छे विचारों का अभाव को दर्शाता है! आज हम अंदर से कितने ज्यादा टूट चुके हैं! सोशल मीडिया पर यदा-कदा, यहां वहां यह आम देखने को मिल रहा है। परिवार के प्रति जिम्मेवारी, देशभक्ति व परोपकारी भावना सहित एक दूसरे के प्रति समानता का भाव, एक दूसरे की हिफाजत की ललक हमारे अंदर से खत्म हो रही है।
हालांकि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी ने हमारे अंदर बहुत सारी सकारात्मक उर्जा को भरा है। नया रूप, नई सोच और नए कलेवर के साथ जिंदगी जीने का नया फ्लेवर परोसा है। हम लोगों के अंदर एक दूसरे के लिए कुछ ना कुछ करने की भावना को पिछले लॉकडाउन के दौरान बहुत बड़ा बल मिला है। हमें अपने अंदर सकारात्मक लोगों में बैठकर झांकना चाहिए। भले ही हम आस्तिक या नास्तिक हैं। लेकिन जरूर किसी परम शक्ति और सुप्रीम पावर से डरना चाहिए। और गलत काम करने से पहले एकांत में बैठकर कुछ समय सोच विचार करके जो फैसला करो। उसका जरूर अपने यार मित्र शुभचिंतकों, घर परिवार वाले या जो आप के सबसे नजदीक है। उस से विचार-विमर्श जरूर करो। उसके बाद जो फैसला होगा। उस पर भी मंथन करो। क्योंकि हम इंसान हैं। सोचने की शक्ति हमारे अंदर है। और हमें ही एक दूसरे से वार्तालाप करने की भगवान ने पद्धति दी है।।
सुसाइड करने वालों के लिए अल्फा न्यूज़ इंडिया का एक ही संदेश है, सुझाव है कि वह सुसाइड से पहले अकेले बैठकर 12 बार उंगलियों पर गिन कर 12 बार विचार करें। कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं? किस को लाभ होगा? और किस को सबसे ज्यादा हानि होगी? और उनके इस कदम से क्या-क्या चीज कितनी प्रभावित होगी? कितनी बदलेगी? और जिस मुद्दे को लेकर वह सुसाइड कर रहा है! क्या सुसाइड के बाद वह मुद्दा मामला सुलझ जाएगा? इसकी गारंटी है! अगर उत्तर हां है, तो जरूर सोच विचार किया जा सकता है कि सुसाइड ही बेहतर रहेगा!! लेकिन अगर कारण जो है उसका समाधान नहीं होता है!! तो सुसाइड का मन से गंदा, हीन भावना ग्रस्त विचार त्याग दें।।
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है आमुक नौजवान कुर्सी पर एकांत में बैठ कमरे के अंदर सिगरेट पी रहा है। 2–3 कश लेने के बाद सिगरेट फैंक प्लास्टिक की बोतल में भरे ज्वलनशील द्रव्य चाहे वह केरोसिन या फिर पेट्रोल जो भी अपने ऊपर उड़ेलता है। और फिर माचिस के तीली निकाल कर खुद को आग लगाता है। और फिर कमरे के अंदर आग की लपटों में चिल्लाता है। और दूसरे लोगों के भी चिल्ला कर रोने की आवाजें आती हैं। वीडियो में बस इतना ही सीन है। उसके बाद आमुक सुसाइड करने वाले का क्या हश्र हुआ, रहस्य पर से पर्दा उठना बाकी है।
लेकिन ऐसे निंदनीय लाइव सीन करके हम अपने अंदर के कमजोर व्यक्तित्व का लोगों के आगे तमाशा बनाते हैं। यह कोई बहादुरी का शाबासी का काम नहीं है कि हमने सुसाइड कर लिया है। यह बताता है कि हम वाकया ही समाज में कितने कमजोर व परिवार में कितने अलग-थलग इंसान हैं। जो किसी से भी मिक्सअप हो कर नहीं रहे। अच्छे की ओर कभी देखा तक नहीं। और उसका रिजल्ट यह रहा कि हम ओछी निंदनीय हरकतें करने से बाज नहीं आए। मत भूलो कि किसी के जाने से कुछ रुक जाएगा। यह दुनिया हजारों लाखों वर्षों से ऐसी ही चलती आई है। और ऐसे ही चलती रहेगी। आपके सुसाइड करने से फर्क किसी को भी नहीं पड़ेगा। सिवाय आप की जननी के। मां को फर्क पड़ता है। और अगर आप अपनी मां से बेइंतहा लगाव व प्यार रखते हैं। उनके प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हैं। तो ऐसे निकम्मेपन जैसी हरकत जिंदगी में ना करें। ना दूसरों को करने दें। यही इंसानियत है यही सकारात्मक सोच व दृढ़ इच्छाशक्ति और जीने के अलग अद्भुत कला है।।