चंडीगढ़:- 30 मार्च:- आर के विक्रमा शर्मा/करण शर्मा:– कहते हैं कि इंसान जब अपने दिलो दिमाग से कुछ दुनिया से अलग करने की ठान लेता है! तो फिर हर मंजिल उसके आगे सजदा करने लगती है! दुनिया का ऐसा कोई भी काम नहीं है! जो आदमी की इच्छा शक्ति के आगे अपना रौद्र रूप दिखा सके! यह प्रेरित करते विचार सिविल डिस्पेंसरी सेक्टर 20 चंडीगढ़ के मेडिसन एमडी डॉक्टर जेपी बंसल ने अल्फा न्यूज़ इंडिया के वरिष्ठ कलमकार के साथ निजी वार्तालाप में व्यक्त किए। यह कहावत अपने ऊपर चरितार्थ करते हुए डॉक्टर जेपी बंसल ने बताया कि लॉकडउन के दौरान उन्होंने अपने भारी भरकम शरीर को एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। और उस में व्यापक सुधार के लिए शपथ ली। और फिर शुरू की कड़ी मेहनत और एक इच्छा शक्ति के बलबूते उन्होंने चंद महीनों में वह कर दिखाया। जो बिल्कुल असंभव प्रतीत होता था।
उक्त खबर के साथ डॉक्टर जेपी बंसल की दोनों तस्वीरें सांझा की जा रही हैं। और फर्क उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का आईना दिखाई दे रहा है। डॉक्टर के मुताबिक हमें खुद को यह पता होना चाहिए कि हमें कितना क्या कैसे कब खाना चाहिए और उससे पहले जानना होगा कि उसे पचाना कैसे होगा। अगर हमें यह सब समझ आ गया। तो जीने का तरीका और सलीका बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है। हमें सबसे पहले मीठा छोड़ने से पहले, नमक को बाय-बाय कहना होगा। क्योंकि यह दोनों ही हमारे शरीर के बड़े शत्रु हैं। हां यह भी जरूरी है कि एक उचित मात्रा तक इनका सेवन शरीर के लिए प्राण औषधि का काम करता है। जल ही जीवन है। यह बिल्कुल सार्थक है। इसीलिए जितना भी हो सके, शरीर के अंदर को पानी पीकर स्वच्छ किया जा सकता है। अतः हमें भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। भरपूर मात्रा में एक ही समय ना पीकर, पानी को सिप सिप करते हुए धीरे धीरे पीना चाहिए। जिससे वह सुपाच्य रहता है। हमारे शरीर में पानी की प्रचुर मात्रा रहती है। और इसीलिए जब हम हद से ज्यादा पानी पीते हैं।तो यह फालतू पानी हमारे शरीर में से गंदगी को बाहर लेेकर निकल जाता है।
डॉक्टर जेपी बंसल ने कहा कि हर इंसान को अपने लिए एक उचित समय निर्धारित करना चाहिए जिसमें वह अपने शरीर के लिए कसरत और निश्चिंत होकर शेयर कर सके और जब सैर करनी है, तो उसमें आलस्य न दिमाग में किसी तरह का नकारात्मक विचार, हीन भावना अंश मात्र भी नहीं रखनी चाहिए। और सैर शुरू कर के खत्म करने के बाद ही विश्राम लेना चाहिए। ताकि आपके शरीर के अंदर की मैल पसीने के रास्ते बाहर आ सके। नियमित भोजन सैर के बाद शरीर को तंदुरुस्त रखने का दूसरा सफल सरल तरीका है। हमें भोजन कम खाना चाहिए। और अधिक बचाना चाहिए। हमें पूरी तरह से ज्ञात होना चाहिए कि नाश्ते में व दोपहर के भोजन में और रात के भोजन में कितनी मात्रा में कौन सा खाद्य पदार्थ, हमारे लिए अच्छा रहेगा। बेहतर हो, अनाज की मात्रा कम करें। और फलों को और हरी सब्जियों को अधिक तवज्जो दी जाए। ताकि हमारी पाचन शक्ति हर समय सदृढ़ बनी रहे।
शरीर को जितना हो सके, मेहनती बनाओ। ताकि उसके अंदर मजबूती और शरीर का अपना लचीलापन सदा बना रहे। शरीर को दवाइयों से दूर रखो। हो सके तो, शुद्ध हवा में अधिक समय सैर करो। और भ्रमण करते वक्त मधुर कर्णप्रिय संगीत भी सुन सकते हैं। रात को सोने से पहले भी अपनी पसंदीदा भजन गीत जो भी मन को अच्छा लगे, सुनना चाहिए। उससे निंद्रा भी अच्छी आती है। और जेहन में गंदे विचारों का प्रवेश नहीं होता है। अच्छी नींद भी हमारे अच्छे स्वास्थ्य की नींव बनती है।