चंडीगढ़:- 23 मारच:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:– पूजा हमको और हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रखती है। हर धर्म मैं अपनी-अपनी पद्धतियों के मुताबिक पूजा-अर्चना ध्यान जप तप करने की विधियां परंपराएं प्रचलित हैं। पूजा को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कई नियम आदि बताए गए हैं। इसके अनुसार हर प्रकार की पूजा में नियम और मुहूर्त का विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक होता है। कहा जाता है अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो पूजा कहीं न कहीं अधूरी रह जाती है। मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि न केवल ज्योतिष शास्त्र में बल्कि वास्तु शास्त्र पूजा आदि से संबंधित कई नियम बताए गए हैं। इनका पालन करने से पूजा तो सफल होती ही है, साथ ही साथ पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र में बताए गए पूजा से जुड़े कुछ खास नियम-
न केवल वास्तु शास्त्र में बल्कि धार्मिक शास्त्रों में भी वर्णन किया गया है कि भगवान की पूजा में रंगों का खासा महत्व होता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा में किस रंग केकपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए। बता दें वराहपुराण में भी पूजा से जुड़े निम्न नियमों के बारे में बताया गया है।
इन रंगों का प्रयोग करना होता है वर्जित-
वास्तु के अनुसार किसी भी व्यक्ति को पूजा में काले और नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। हालांकि शनि देव की पूजा में काले रंग के वस्त्र पहन सकते हैं क्योंकि मान्यताओं के अनुसार इन्हें काला और नीला रंग अति प्रिय है।
पूजा में पहल सकते हैं कुर्ता और साड़ी
वास्तु शास्त्री बताते हैं कि पूजा के समय स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए, साथ ही साथ कोशिश करनी चाहिए कि पुरुष पूजा में धोती और कुर्ता तथा महिलाओं को साड़ी पहनकर पूजन करना चाहिए।
गंदे वस्त्र
व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि भगवान की पूजा के समय गंदे और फटे हुए वस्त्र धारण न करें। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पूजा में हमेशा स्वच्छ और नए वस्त्र धारण करें।
पीले रंगे के वस्त्र
इन सब के अतिरिक्त पूजा के दौरान पीले रंग के वस्त्र धारण किए जा सकते हैं, क्योंकि यह भगवान विष्णु का प्रिय रंग है। इसलिए इस रंग को उत्तम माना गया है। कहा जाता है विष्णु भगवान के अलावा भगवान शिव की पूजा में पीले और श्वेत रंग के वस्त्र पहन सकते हैं। ध्यान रहे शिव जी की पूजा में काले रंग के वस्त्र धारण न करे
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*हेमन्त किगरं ( पंजाबी ऐकता मंच के संस्थापक सदस्य)*